पिछले चार माह से चातुर्मास के चलते विवाह रोक लगी हुई है। यह रोक इस माह देवउठनी एकादशी पर तुलसी पूजा के अबूझ मुहूर्त के साथ हट जाएगी। इसके बाद शादी के बैंड बजने शुरू हो जाएंगे। इस साल बचे दो माह में 13 मुहूर्तों में फेरे लिए जा सकेंगे।
फिर अगले साल होली तक 13 और शुभ मुहूर्त हैं। इस बीच दिसंबर-जनवरी में धनु मास और मार्च-अप्रैल में मीनार्क की स्थिति में फिर मुहूर्त नहीं है। मीनार्क खत्म होने के बाद मई-जून में मुहूर्तों की भरमार रहेगी और फिर चातुर्मास के चलते चार माह मुहूर्त नहीं होंगे।
पं.मनोज शुक्ला बताते हैं कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति व ग्रह नक्षत्रों के आधार पर तैयार महामाया मंदिर के पंचाग अनुसार 11 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर तुलसी व भगवान सालिग्राम का ब्याह रचाने के साथ छत्तीसगढ़ में शादी की रस्में शुरू होती हैं। इस हिसाब से नवंबर में 5 और दिसंबर में 8 मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। अगले साल 2017 में जनवरी में पांच और फरवरी में आठ तथा मार्च में मात्र एक मुहूर्त विवाह के लिए श्रेष्ठ है।