देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
मैला ढोने की प्रथा में लगे स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए आज चन्दन लाल वाल्मीकि राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश अध्यक्ष कला साहित्य प्रकोष्ट मोहम्मदी ब्लाक के ग्राम धमौला पहुंचे।
- जहां सिर से मैला उठाने में लगे लोगो के बीच जन जागरण अभियान चलाया। धमौला में हाथ से मैला उठाने वाली महिला सुनीता देवी, विद्यावती सुनीता पत्नी सुनील, रेशमा, रोशनी, ने बताया कि कोई सरकार की योजना इन तक नहीं पहुची। ज्ञातव्य रहे कि डीपीआरओ की झूठी रिर्पोट के कारण हाथ से मैला उठाने की प्रथा में लग स्वच्छकारों का पुनर्वान नहीं हो सका।
- चन्दन लाल वाल्मीकि ने कहा कि उनके पुनर्वासन के लिए डीएम से लेकर पीएम तक संघर्ष किया जा रहा है।
जिन अधिकारियों की लापारवाही से आज तक मैला ढोने के लिए मजबूर हैं उनके पुनर्वासन के लिए लगातार संघर्ष जारी रहेगा। - आजादी के 71 साल बाद भी आज हाथ से मैला ढोने का कार्य बाल्मीकि समाज द्वारा किया जा रहा है। जबकि इसके विपरीत समाज को अभी तक उनके हक नहीं मिले हैं। जिसके लिए जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान तब तक चलेगा, जब तक बाल्मीकि समाज के लोगों को उनका हक नहीं मिल जाता।
- इस मौके पर श्याम किशोर बेचैन रवि वाल्मीकि, राजबहादुर, सुनील, विनोद फूल सिंह कुॅवर विकेन्स आदि मौजूद रहे।