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स्पेन में राजॉय सरकार गिरी, पेड्रो बने नए प्रधानमंत्री

स्पेन में मारियानो राजॉय की सरकार गिर गई। शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोट होने से पहले ही राजॉय ने अपनी हार स्वीकार कर ली। वह 2011 से प्रधानमंत्री पद पर थे। इसके बाद विपक्षी दल “सोशलिस्ट वकर्स पार्टी” के नेता पेड्रो सांचेज ने स्पेन के प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया।स्पेन में मारियानो राजॉय की सरकार गिर गई। शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोट होने से पहले ही राजॉय ने अपनी हार स्वीकार कर ली। वह 2011 से प्रधानमंत्री पद पर थे। इसके बाद विपक्षी दल "सोशलिस्ट वकर्स पार्टी" के नेता पेड्रो सांचेज ने स्पेन के प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया।  पिछले हफ्ते पेड्रो ने सत्ताधारी दल के सदस्यों के भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था  पेड्रो को मारियानो के खिलाफ बास्क नेशनलिस्ट पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था। 350 सदस्यीय संसद में सोशलिस्ट वकर्स पार्टी के केवल 84 सांसद हैं। लेकिन अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पेड्रो ने केटलोनिया (स्पेन का एक प्रांत) की आजादी के समर्थक सांसदों के साथ भी गठजोड़ कर लिया। इस तरह उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।  विश्लेषकों का मानना है कि विभिन्न पार्टियों के गठजोड़ से बनी पेड्रो सांचेज सरकार अधिक समय तक टिकी नहीं रहेगी। 1975 में तानाशाह फ्रांसिस्को फ्रैंको की मौत के बाद लोकतंत्र अपनाने वाले स्पेन में मारियानो ऐसे पहली बार प्रधानंत्री बने, जो संसद में विश्वास मत साबित नहीं कर सके।  हालांकि पिछले साल वह बहुमत साबित करने में सफल रहे थे। उल्लेखनीय है, स्पेन की अदालत ने माना है कि पॉपुलर पार्टी के सदस्यों ने सरकारी ठेका देने के एवज में कंपनियों से रिश्वत ली है। पेड्रो ने इसी को मुद्दा बनाया था।स्पेन में मारियानो राजॉय की सरकार गिर गई। शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोट होने से पहले ही राजॉय ने अपनी हार स्वीकार कर ली। वह 2011 से प्रधानमंत्री पद पर थे। इसके बाद विपक्षी दल "सोशलिस्ट वकर्स पार्टी" के नेता पेड्रो सांचेज ने स्पेन के प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया।  पिछले हफ्ते पेड्रो ने सत्ताधारी दल के सदस्यों के भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था  पेड्रो को मारियानो के खिलाफ बास्क नेशनलिस्ट पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था। 350 सदस्यीय संसद में सोशलिस्ट वकर्स पार्टी के केवल 84 सांसद हैं। लेकिन अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पेड्रो ने केटलोनिया (स्पेन का एक प्रांत) की आजादी के समर्थक सांसदों के साथ भी गठजोड़ कर लिया। इस तरह उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।  विश्लेषकों का मानना है कि विभिन्न पार्टियों के गठजोड़ से बनी पेड्रो सांचेज सरकार अधिक समय तक टिकी नहीं रहेगी। 1975 में तानाशाह फ्रांसिस्को फ्रैंको की मौत के बाद लोकतंत्र अपनाने वाले स्पेन में मारियानो ऐसे पहली बार प्रधानंत्री बने, जो संसद में विश्वास मत साबित नहीं कर सके।  हालांकि पिछले साल वह बहुमत साबित करने में सफल रहे थे। उल्लेखनीय है, स्पेन की अदालत ने माना है कि पॉपुलर पार्टी के सदस्यों ने सरकारी ठेका देने के एवज में कंपनियों से रिश्वत ली है। पेड्रो ने इसी को मुद्दा बनाया था।

पिछले हफ्ते पेड्रो ने सत्ताधारी दल के सदस्यों के भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था

पेड्रो को मारियानो के खिलाफ बास्क नेशनलिस्ट पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था। 350 सदस्यीय संसद में सोशलिस्ट वकर्स पार्टी के केवल 84 सांसद हैं। लेकिन अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पेड्रो ने केटलोनिया (स्पेन का एक प्रांत) की आजादी के समर्थक सांसदों के साथ भी गठजोड़ कर लिया। इस तरह उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।

विश्लेषकों का मानना है कि विभिन्न पार्टियों के गठजोड़ से बनी पेड्रो सांचेज सरकार अधिक समय तक टिकी नहीं रहेगी। 1975 में तानाशाह फ्रांसिस्को फ्रैंको की मौत के बाद लोकतंत्र अपनाने वाले स्पेन में मारियानो ऐसे पहली बार प्रधानंत्री बने, जो संसद में विश्वास मत साबित नहीं कर सके।

हालांकि पिछले साल वह बहुमत साबित करने में सफल रहे थे। उल्लेखनीय है, स्पेन की अदालत ने माना है कि पॉपुलर पार्टी के सदस्यों ने सरकारी ठेका देने के एवज में कंपनियों से रिश्वत ली है। पेड्रो ने इसी को मुद्दा बनाया था।