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स्तनपान कराती शिक्षिका का फोटो वायरल होने पर शुरू हुईं तीखी आलोचनाएं,वापस लिया निलंबन

देव श्रीवास्तव

लखीमपुर-खीरी

जिले में तैनात बीएसए हमेशा ही विवादों के घेरे में रहे नजर आए हैं। कभी कार्रवाई के नाम पर वसूली किए जाने, कभी अध्यापकों का वेतन रोकने के मामले में तो कभी तबादले और पोस्टिंग के नाम पर मोटी रकम लेने के मामले में। लेकिन इस बार वर्तमान बीएसए साहब ने मर्यादाओं को ही ताख पर रख दिया। औचक निरीक्षण के समय अपने बच्चे को स्तनपान कराते एक सोई अध्यापिका के पीछे खड़े होकर न केवल फोटो खिंचवाई बल्कि उसे वायरल भी कर दिया। उससे भी शर्मनाक बात रही कि यह फोटो सोशल मीडिया पर फैल गई। वायरल व प्रकाशन के बाद तमाम बुद्धिजीवी, शिक्षक संगठन और महिला संगठनों ने इस कृत्य की तीखी आलोचना करते हुए बीएसए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

 बीएसए ने किया अमर्यादित काम,स्तनपान का फोटो किया वायरल

गौरतलब रहे कि बीएसए संजय शुक्ल ने बुधवार को कई प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। यहां विभिन्न स्कूलों में कमियां देखने को मिली। कई जगह शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इस कड़ी में जब वह प्राथमिक विद्यालय जम्हौरा पहुंचे तो वहां उन्हें शिक्षिका रूबी देवी सोती हुई मिलीं। दरअसल रूबी देवी अपने मासूम बच्चे को लेकर विद्यालय आती थीं। बुधवार को वह बच्चे को स्तनपान कराते समय सो गई थीं। इसी बीच बीएसए संजय शुक्ल ने उन्हें जगाकर स्पष्टीकरण लेने के बजाए मर्यादाओं को ताक पर रखते हुए एक अशोभनीय कार्य को अंजाम दे डाला। उन्होंने स्तनपान कराते हुए सो रही शिक्षिका के पीछे खड़े होकर एक फोटो खिचवाई। सामने पढ़ रहे बच्चों को इशारे से शांत रहने को कहा। फोटो खिंचवाने के बाद शिक्षिका को जगाया गया और फटकार लगाने के बाद उन्हें निलंबित कर देने की घोषणा की गई। बीएसए की यह कार्रवाई केवल यहीं तक नहीं चली। इसके बाद बाकायदा इस फोटो को वायरल भी किया गया। फोटो एक के बाद एक हजारों यूजर्स व ग्रुप तक पहुंचा।

तस्वीर खिंचवाते BSA संजय शुक्ला
            तस्वीर खिंचवाते BSA संजय शुक्ला

 

चरों ओर हुईं आलोचानाएं

इसके बाद इस पर आलोचनाएं शुरू हो गईं। आम लोगों के अलावा शिक्षक संघ व बुद्धिजीवी महिलाओं ने भी इसकी तीखी भर्त्सना की। लोगों ने महिला की फोटो वायरल कर उसके सम्मान से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए बीएसए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
बीएसए के द्वारा खिंचवाई गई अमर्यादित फोटो को न केवल सोशल मीडिया पर वायरल करवाया गया बल्कि कई अखबारों ने भी इसके प्रकाशन में कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं की। अखबारों की बात की जाए तो अक्सर खुद को प्रदेश में नं0-1 का अखबार बताकर खुद की ही तारीफ के कसीदे गढ़ने वाला भी एक अखबार शामिल है।

विरोध के बाद बैकफुट पर आए बीएसए,निलंबन वापस लिया 

समाज के हर तबके से विरोध के स्वर उठने के बाद आखिरकार बीएसए साहब बैकफुट पर आ गए। उन्होंने फोटो वायरल के लिए साथ गए चपरासी को जिम्मेदार बता दिया। वहीं गलती का पश्चाताप करने के लिए शिक्षिकों का किया गया निलंबन आदेश भी रद्द कर दिया। इसके साथ ही चपरासी ने भी अपनी गलती के लिए शिक्षिका से लिखित माफी मांगी है।

एक महिला सम्मान में ऐसी अमर्यादित तस्वीर प्रदेश जागरण आपको नहीं दिखा सकता है.

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