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स्कार्पियों सवारों ने जबरन बस रोककर किया बस चालक अपहरण

देव श्रीवास्तव
पलियाकलां खीरी।
शनिवार की रात उस समय नगर में हड़कंप मच गया जब बहराइच से पलिया होकर दिल्ली जा रही एक प्राइवेट बस को तीन स्कार्पियो गाड़ियों ने नगर की भीरा रोड पर स्टेट बैंक के निकट रोक लिया और कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही बस चालक को नीचे उतार कर स्कार्पियों सवारों ने बेल्टों से बुरी तरह पीटना शुरु कर दिया। बस चालक को पीटने के बाद घायलावस्था में ही गाड़ी सवार लोग चालक को अपनी गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए। घटना की सूचना पर डायल 100 पुलिस व प्रभारी निरीक्षक विपिन कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। इस घटना से आसपास के लोगों में सनसनी फैल गई। हालांकि पुलिस ने इस मामले को हल्के में लेते हुए अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है। उनका कहना है कि अभी तक उनके पास कोई भी प्रार्थना पत्र नहीं पहुंचा है।
     जानकारी के अनुसार शनिवार की रात लगभग नौ बजे नगर की भीरा रोड पर बहराइच से निघासन होते हुए पलिया होकर दिल्ली जा रही एक प्राइवेट बस संख्या यूपी 15 सीटी 7359 को स्टेट बैंक के निकट तीन स्कार्पियों में सवार होकर आए लोगों ने जबरन रोक लिया और कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही बस में चढ़ कर चालक को नीचे घसीटते हुए बुरी तरह बेल्टों से पीटना शुरू कर दिया। चालक को इतना मारा कि वह अधमरा सा हो गया। इतना ही नहीं उपरोक्त दबंग चालक का अपहरण करते हुए उसे अपने साथ ही गाड़ी में उठा ले गए। अपहरण की घटना की जानकारी होते ही डायल 100 पुलिस व प्रभारी निरीक्षक पलिया विपिन कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। इस घटना से बस में बैठी सवारियां भी सहमी हुईं थी। सभी के चेहरों पर खौफ साफ दिखाई दे रहा था। कुछ सवारियां ऐसी थी जिनकी सुबह दिल्ली से फ्लाइट थी, वह भी काफी परेशान थे। पुलिस ने घटना की जानकारी लेकर उसी ट्रेवल कंपनी की पीछे से आ रही एक बस मैं बैठे दूसरे चालक को उतार कर घटना में शामिल बस को भी दिल्ली रवाना करा दिया। हालांकि अभी तक अपह्रत  चालक मुबीन निवासी शाहजहांपुर की कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी है। वहीं प्रभारी निरीक्षक विपिन कुमार सिंह का कहना है कि अभी तक उनके पास बस मालिकान का कोई भी प्रार्थना पत्र नहीं आया है जिसके कारण उन्होंने अभी तक घटना का मुकदमा दर्ज नहीं किया है। उन्होंने यह स्वीकारा कि बस मालिक से उनकी फोन पर बात हुई थी, जिस पर बस मालिक ने अपने को मेरठ निवासी बताते हुए पलिया आकर मुकदमा लिखाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई प्रार्थना पत्र उनके पास नहीं पहुंचा है। अपह्रत चालक के सम्बन्ध में पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पास अभी कोई ऐसी जानकारी नहीं है कि चालक घर पहुंचा है कि नहीं, लेकिन बस मालिक का कहना है कि चालक घर पहुंच जाएगा।

संदेह के घेरे में पलिया पुलिस की कार्यशैली

फिलहाल पूरे मामले में चालक का अपहरण हो जाता है और पुलिस दो दिन तक प्रार्थना पत्र का ही इंतजार करती रहती है। यह मामला कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाता है, कि सरेशाम किसी बस के चालक का अपहरण हो जाता है और पुलिस अगले दिन तक प्रार्थना पत्र का इंतजार करती है। पुलिस ने यह भी मुनासिब नहीं समझा कि आखिरकार उस चालक को मारने वाले और उठाकर ले जाने वाले कौन लोग थे। इतनी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद कोई कार्यवाही न होना, यहां तक कि उनके बारे कोई सुराग भी न लगा पाना पुलिसिया कार्यशैली पर अपने आप में ही प्रश्नचिंह लगाता है।