Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सीख: हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है आरएसएस का ये स्कूल !

लेख|

अब्राहम मेराज 

आज सुबह बिन-बुलाये, बेवजह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा लखनऊ में चलाये जाने वाले एक सरस्वती शिशु मंदिर पहुंच गए। सोचा, जब प्रदेश का सारा मीडिया मदरसों की देशभक्ति नाप-तौल रहा होगा, तो हम वहां रहेंगे जहां बहुत कम लोगों की नज़र पड़ती है।

 

 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए लगभग हर जगह बजट कम ही होता है, और यहां भी छोटे-छोटे बच्चे सीमित साधनों में बड़ी अभिव्यक्तियों की कोशिश कर रहे थे। उनकी हौसलाफ़ज़ाई के लिए हम एक बेंच लगाकर सामने तो बैठ गए, मगर नज़रें उन दो बुर्क़ा पहने महिलाओं पे टिकी थीं जो अभिभावकों के साथ बैठी थीं। पता करने पर मालूम हुआ कि उन दोनों के बच्चे इसी विद्यालय में पहली कक्षा के छात्र हैं।
इसी बीच एक और मुसलमान परिवार आकर बैठ गया तो हमसे रहा न गया। मौका पाते ही प्रधानाध्यापक से मिले,उन्होंने बताया कि स्कूल में एक-दो नहीं  बल्कि 67 मुसलमान बच्चे पढ़ते है। दो मुसलमान अध्यापक भी हैं। प्रधानाध्यापक बच्चों से बोले,

“जिसे जैसे वंदना करनी है करे। आपके यहां हाथ जोड़कर नही करते तो हाथ खोलकर करें।”

स्वतंत्रता दिवस पर एक नया सुखद और यादगार अनुभव हुआ।

 

अब्राहम मेराज पेशे से एक पत्रकार और दूरदर्शन के एंकर हैं| यह लेख अब्राहम मिराज के सोशल मीडिया पोस्ट से ली गयी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.