नई दिल्ली । सरकार ने सेटेलाइट फोन सेवाएं देने पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगाया है। कोई भी देश में इसका परिचालन शुरू कर सकता है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने यह जानकारी दी। सिन्हा ने कहा कि इस सेगमेंट में किसी पर कोई रोक नहीं है। यह सभी के लिए खुला है। इस क्षेत्र में रुचि है तो आगे आ सकते हैं। यह और बात है कि सेवा प्रदाता को देश में सेटेलाइट फोन गेट-वे बनाना होगा ताकि सुरक्षा एजेंसियां जरूरत पड़ने पर कानूनी तरीके से नेटवर्क में कॉलों को इंटरसेप्ट कर सकें।
सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने मामला-दर-मामला आधार पर सुरक्षा बलों, आपदा प्रबंधन टीम और कुछ अन्य सरकारी विभागों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेटेलाइट फोन सेवा शुरू की है। ऐसी सेवा के लिए दूरसंचार विभाग (डॉट) के पास यूनीफाइड लाइसेंस के तहत प्रावधान हैं।
टेलीकॉम कंपनियों के साथ ट्राई की बैठक 21 जुलाई को
दूरसंचार नियामक ट्राई 21 जुलाई को सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक करेगा। इसमें वॉयस और डाटा टैरिफ के लिए न्यूनतम फ्लोर प्राइस पर ऑपरेटरों के विचार सुने जाएंगे। कुछ दूरसंचार कंपनियों ने डाटा और वॉयस दोनों के लिए न्यूनतम फ्लोर प्राइस की मांग की है। लेकिन इसके क्रियान्वयन से बाजार में मुफ्त पेशकश जैसी बात खत्म हो जाएगी।