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बांग्लादेश में असुरक्षित हिंदू

बांग्लादेश में फिर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमला हुआ। ब्राह्मणबारहिया के नसीरनगर इलाके में 15 मंदिर तोड़े गए। 100 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचाया गया। कई घरों में लूटपाट की गई। बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं नई नहीं हैं। समय के कुछ अंतराल पर वहां के कट्टरपंथी इस्लामी गुट ऐसी हिंसा का सहारा लेते हैं। उन्होंने न सिर्फ हिंदू समुदाय, बल्कि धर्मनिरपेक्ष राय रखने वाले मुसलमानों को भी निशाना बनाया है। पिछले दो वर्षों में कई धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर मार डाले गए। ताजा घटना भी सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी से भड़की। फेसबुक पर एक पोस्ट डाला गया, जिसे कट्टरपंथी मुस्लिम गुटों ने इस्लाम के खिलाफ माना। तो उन्होंने दिवाली की रात हिंदुओं पर कहर बरपा दिया। ब्राह्मणबारहिया के अलावा माधबपुर इलाके में भी दो मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया।bangladesh_attack_on_hindus_01_11_2016-1

लाजिमी है कि उन इलाकों में रहने वाले हिंदू डरे हुए हैं। गौरतलब है कि ऐसी घटनाएं पिछले कुछ महीनों से लगातार हो रही हैं। जनवरी में एक मदरसे के छात्र की मौत के बाद भी तोड़फोड़ हुई थी। ताजा घटना के क्रम में उल्लेखनीय यह है कि रासराज नाम के जिस व्यक्ति ने फेसबुक पोस्ट डाला, उसे तो पुलिस ने शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। मगर इससे भी वहां के इस्लामिक गुटों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उनके भड़कावे पर मदरसा छात्र सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों लोगों ने कई मुख्य मार्गों को बंद कर दिया। टायरों में आग लगा दी। इसके बाद भीड़ मंदिरों की ओर बढ़ गई। उस भीड़ में मौजूद लोगों के पास छोटे-बड़े हथियार भी थे।

कहा जा सकता है कि ऐसी घटनाओं को प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद की सरकार का संरक्षण नहीं है। उसने इस्लामिक गुटों पर लगाम कसने की कोशिश की है। कई कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं को बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तान से मिलीभगत कर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप में फांसी दी गई है। शेख हसीना सरकार की कट्टरपंथ विरोधी नीतियों के कारण बांग्लादेश और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हुए हैं। हाल में जब आतंकवाद के पाकिस्तानी प्रश्रय को आधार बनाकर भारत ने सार्क शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया, तो बांग्लादेश ने भी इसमें भारत का साथ दिया।

ये तमाम बातें सकारात्मक हैं। इसके बावजूद हकीकत यह है कि शेख हसीना सरकार इस्लामिक गुटों पर काबू पाने में कामयाब नहीं है। वे गुट लगातार हिंसा और दहशतगर्दी का सहारा ले रहे हैं। फिलहाल अधिकारियों ने कहा है कि हिंदुओं पर हमले की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को ऐसी सख्त सजा दी जाएगी, जो दूसरों के लिए मिसाल बने। क्या वे सचमुच ऐसा कर पाएंगे? भारत सरकार को इस मुद्दे पर बांग्लादेश से गंभीरता से बात करनी चाहिए। उसे यह सुनिश्चित कराना चाहिए कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने जैसी कार्रवाई का वादा किया है, वह सचमुच जमीन पर उतरे।

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