नई दिल्ली : महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विभिन्न युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन गए हुए लोगों की संपत्ति पर उत्तराधिकार या फिर संपत्ति हस्तांतरण के दावों की रक्षा हेतु लगभग 50 वर्ष पुराने कानून में संशोधन पर जारी अध्यादेश को लागू कर दिया गया। इस मामले में महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने करीब 5 वीं बार अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने हेतु अपनी तैयारी न होने की बात कही। वे इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहते थे।
मिली जानकारी के अनुसार अध्यादेश को स्वीकृति देने से पूर्व राष्ट्रपति द्वारा निराशा जताई गई। मगर इस अध्यादेश को 5 वीं बार लागू किया गया। मिली जानकारी के अनुसार शत्रु संपत्ति, संशोधन और वैधीकरण, 5 वां अध्यादेश 2016 को प्रथम बार 7 जनवरी को लागू किया गया।
इस मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अध्यादेश को जारी करने की स्वीकृति दी गई थी। दरअसल लगभग 5 दशक पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन हेतु विस्तृत पहल हुई। दरअसल इस तरह का कानून इसलिए पारित किया गया जिससे उत्तराधिकार या फिर संपत्ति बदले जाने के मामल में लोगों के हित सुरक्षित रह पाऐं। दरअसल इस तरह के कदम से लोगों के विस्थापन को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे।