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संजय सिंह: मोदी सरकार की प्राथमिकता, AAP को खत्म करना है

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता संजय सिंह ने आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आतंकवाद और नक्सलवाद के बजाय ‘आप’ के खात्मे को अपनी प्राथमिकता बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विदेशी चंदे के नाम पर केंद्र इस पार्टी का उत्पीडऩ कर रहा है। कल केंद्र सरकार ने विदेशी चंदे को लेकर कानून के उल्लंघन के संदेह पर ‘आप’ को एक नोटिस भेजा है, जबकि इसी सरकार के गृह मंत्रालय ने वर्ष 2015 में अदालत में एक शपथपत्र दाखिल करके कहा था कि विदेशी चंदे के मामले में ‘आप’ का रिकार्ड बेदाग है।

भाजपा और कांग्रेस के दामन हैं दागदार 
सिंह ने कहा, सचाई यह है कि वेदांता से नियमविरद्ध तरीके से चंदा लेने के मामले में खुद भाजपा और कांग्रेस के दामन दागदार हैं, मगर वे दोनों कानून को बदलकर बच निकलीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर आतंकवाद से और छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से परेशान है लेकिन केंद्र की प्राथमिकता इन दोनों को खत्म करने के बजाय ‘आप’ का खात्मा करने की है। मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को शुक्रवार को एक नोटिस जारी करके कहा था कि वह खुद को मिले विदेशी चंदे का विस्तृत विवरण पेश करे। केंद्र को शक है कि आप ने विदेशी चंदा हासिल करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया है।

भाजपा पर साधा निशाना
सिंह ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बदहाली की पराकाष्ठा होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार पूर्ववर्ती सपा सरकार की ‘पार्ट-टू’ की तरह काम कर रही है। पिछली ही सरकार की तरह टोल प्लाजा पर भाजपा विधायक मारपीट कर रहे हैं। पुलिस पर हमले हो रहे हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव में ‘आप’ के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि परिणाम तो बेशक आशा के अनुरूप नहीं रहे, और हम अपनी कमियां सुधारेंगे, लेकिन एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि ‘आप’ देश में सबसे तेजी से बढऩे वाली पार्टी है। इस दल ने 4 साल के अंदर दिल्ली में 2 बार सरकार बनाई। पंजाब में वह मुख्य विपक्षी दल है। उसके 4 सांसद भी हैं।

पार्टी का फोकस उत्तर प्रदेश पर
उत्तर प्रदेश में जल्द ही होने वाले स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के 42 जिलों के पार्टी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने आए ‘आप’ प्रवक्ता ने कहा कि अब उनकी पार्टी का फोकस उत्तर प्रदेश पर है। गुजरात विधानसभा चुनाव लडऩे के बारे में पार्टी बाद में फैसला करेगी। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी स्थानीय निकायों की सभी सीटों पर चुनाव लडऩे के बजाय उन सीटों पर ही मैदान में उतरेगी, जहां संगठन सबसे मजबूत है। वे सीटें कौन-कौन सी होंगी, इसका फैसला जिला संयोजक करेंगे। वार्ड प्रत्याशियों के चयन के लिए आवेदन मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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