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शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़े और तेल कीमतों पर रहेगी नजर

Stock brokers trade in a brokerage firm in the eastern Indian city of Kolkata February 16, 2009, as Pranab Mukherjee, India's foreign minister and acting finance minister presents the 2009/10 interim budget in New Delhi. REUTERS/Jayanta Shaw (INDIA)

मुंबई। शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहने की उम्मीद है। इस हफ्ते बाजार की चाल घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतें मिलकर तय करेंगे। मार्च से अप्रैल के वायदा और विकल्प (एफएंडओ) खंड में अनुबंध धारक इसी हफ्ते परिपक्वता के बाद अपना दायित्व निर्धारित करेंगे। मार्च के डेरिवेटिव्स अनुबंध गुरुवार को खत्म हो रहे हैं।

इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि वे महीने के बीच में तेल की कीमतों की समीक्षा करेंगी। तेल कंपनियां महीने के बीच में और अंत में हर पखवाड़े कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं। साथ ही जेट ईधन की कीमतों की मासिक समीक्षा भी इस हफ्ते होगी, जिसके कारण विमानन कंपनियों के शेयरों पर नजर बनी रहेगी। जेट ईधन की कीमतें सीधे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी हैं। विमानों के परिचालन लागत में अकेले ईंधन का खर्च 50 फीसदी से अधिक होता है।

वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी, क्योंकि कंपनियां मार्च महीने में अपनी बिक्री के आंकड़े शनिवार (1 अप्रैल) से जारी करेंगी।

राजनीतिक मोर्चे पर संसद में बजट सत्र जारी है। बजट सत्र इस बार दो भागों में आयोजित किया गया है। पहला सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चला था, जबकि दूसरा सत्र 9 मार्च से शुरू हुआ है जो 12 अप्रैल तक चलेगा।

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित कई विधेयक इसी सप्ताह संसद में पेश किए जाएंगे। मेघवाल ने कहा कि जीएसटी से जुड़े विधेयक – केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक-2017, एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) विधेयक-2017, संघ शासित क्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) विधेयक-2017 और वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक-2017- गुरुवार या शुक्रवार को संसद में पेश किए जा सकेंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल 20 मार्च को जीएसटी से संबंधित इन विधेयकों को मंजूरी दे चुका है। भारत में पहली बार जीएसटी लागू होने के अंतिम पड़ाव पर है और पूरी संभावना है कि एक जुलाई से इसे लागू कर दिया जाएगा।

सीजीएसटी विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर के कारोबार एवं सेवाओं पर लिए जाने वाले कर एवं चुंगी का प्रावधान है, जबकि आईजीएसटी विधेयक में विभिन्न राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले कर एवं चुंगी का प्रावधान है।

इसी तरह यूटीजीएसटी विधेयक केंद्र शासित क्षेत्रों- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव, दादर नगर हवेली के लिए है, जहां अपनी स्वतंत्र विधानसभा नहीं है।

राज्य क्षतिपूर्ति विधेयक जीएसटी के कारण राज्यों को अगले पांच वर्ष तक होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए है। इस बीच, राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) विधेयक-2017 को दिल्ली एवं पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं से पारित करवाना होगा।

 

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