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शुक्रवार को ISIS ने 100 लोगों को मारकर खंभे पर लटकाया….

 इराकी सेना से अपने गढ़ मोसुल को बचाने के लिए ISIS ने आखिरी लड़ाई तो छेड़ दी है, लेकिन इस लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो रहा है।ह्यूमन राइट्स ऑफिस ने बीते शुक्रवार एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक आईएसआईस ने बुधवार को 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं, मारे गए लोगों के शव को जगह-जगह खंभों पर लटका दिया गया है।

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‘सीएनएन’ के मुताबिक आईएसआईएस की बर्बरता की यह कहानी उत्तरी मोसुल की है। जहां लोगों को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया है क्योंकि उनके पास मोबाइल फोन था और आईएसआईएस को शक था कि इनका इस्तेमाल इराकी सेना को जानकारी देने के लिए किया जा रहा है। शवों के साथ एक नोट भी छोड़ा गया है जिसपर लिखा हुआ है, ‘मोबाइल फोन का इस्तेमाल इराकी सेना तक खुफिया जानकारी पहुंचाने के लिए किया गया, इसलिए इन्हें फांसी दी जा रही है।’
यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीस (UNHCR)ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक बीते मंगलवार को भी आईएसआईएस ने मोसुल में 40 नागरिकों को इराकी सेना से साठगांठ करने के शक में गोली से उड़ा दिया। इन लोगों को पहले नारंगी रंग के कपड़े पहनाए गए और उसपर लाल रंग से यह लिखा गया कि ये लोग इराकी सेना के एजेंट हैं।
बता दें कि बीते महीने ही इराकी पीएम हैदर अल अबादी ने मोसुल में आईएसआईएस को खदेड़ने के लिए लड़ाई छेड़ने की आधिकारिक घोषणा की थी। आईएसआईएस ने पिछले दो साल से इस शहर पर कब्जा किया हुआ है।

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