Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

शिकायतों का अंबार

2016_3image_16_19_092658000report1-llमहानगर के मशहूर निजी अस्पताल कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमआरआइ) में एक रोगी की मौत के बाद बुधवार को जमकर बवाल हुआ था। इसके बाद अब राज्य सरकार की हरकत में आई है। निजी अस्पतालों में चिकित्सा के नाम पर जिस तरह से मरीजों से मोटी राशि वसूली जा रही है उस पर लगाम लगाने की सरकार ने तैयारी शुरू की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर भारी भरकम खर्च को लेकर सवाल उठाया था। इसके बाद अब राज्य सरकार के उपभोक्ता सुरक्षा विभाग में सरगर्मी तेज हो गई है।

इस संबंध में निजी अस्पतालों के प्रबंधन की 22 फरवरी को उपभोक्ता सुरक्षा मंत्री साधन पांडे ने बैठक बुलाई है, जिसमें बिल के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। परंतु, उपभोक्ता सुरक्षा दफ्तर में चिकित्सकीय सेवा को लेकर पहले से ही शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। उपभोक्ता विभाग शिकायतकर्ता और जिनके खिलाफ शिकायत हैं दोनों को आमने-सामने बैठाकर समस्या का निदान करता है। परंतु, देखा जा रहा है कि पिछले डेढ़ वर्षो में विभिन्न अस्पतालों व नर्सिगहोमों के खिलाफ सात सौ से अधिक शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पहले से ही इतनी शिकायतें उपभोक्ता विभाग में पड़ी हुई है तो फिर नई शिकायतों का क्या होगा? हालांकि, उपभोक्ता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों को आमने सामने बैठाकर आपसी बातचीत के जरिए समस्या का निदान किया जा रहा है जिसमें कुछ समय भी लग रहा है। ग्राहकों की रक्षा के लिए उपभोक्ता विभाग व उपभोक्ता फोरम तैयार किया गया है। बावजूद इसके लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है।

यदि पहले ही निजी अस्पतालों व नर्सिग होम के चिकित्सकीय बिल को लेकर सरकार या फिर उपभोक्ता विभाग सक्रिय होता तो क्या आज जो स्थिति पैदा हुई है वह होती? शायद नहीं। हमारे देश में जब तक कोई बड़ी घटना नहीं हो जाती तब तक प्रशासनिक मशीनरी सोती रहती है। अगर पहले से इस दिशा में ठोस पहल हुई होती तो न जाने कितनी तोड़फोड़ व मारपीट की घटनाएं नहीं हुई होती। अभी पांच दिन पहले टालीगंज के एक नर्सिग होम पर मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया था कि मौत हो जाने के बाद भी इलाज के नाम पर रुपये लिए गए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.