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शारदानगर में डूबे युवकों में दो के शव निकले,तीन को निकाल लिया गया था सुरक्षित

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर-खीरी। ईद की खुशियों के बीच पिकनिक मनाने शारदानगर गए खीरी के पांच डूबे युवकों में दो की लाशें सोमवार को बरामद हो गईं। तीन युवकों को डूबने के कुछ समय बाद ही ग्रामीणों ने निकाल लिया गया था। एक को लखनऊ रेफर किया गया था जबकि दो की हालत खतरे से बाहर है। शव मिलने के बाद परिवार में मातम का माहौल है।

लखीमपुर से सटे कस्बा खीरी निवासी चार युवक जुनेद (17) पुत्र चुन्ना, समीर (18) पुत्र साबिर, शादाब (14) पुत्र जब्बार व दो अन्य युवक ईद की खुशियों के बीच पिकनिक मनाने शारदानगर गए थे। बताया जाता है कि सभी युवक पानी में नहाने निकले। नहाते-नहाते तीन दोस्त गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। जब वह छटपटाने लगे तो जुनेद और समीर उन्हें बचाने की कोशिश करने लगे और वह भी गहरे पानी में डूब गए। चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनकर ग्रामीण नदी में कूद पड़े। इनमें शादाब व दो अन्य युवकों को ग्रामीणों ने निकाल लिया। जबकि जुनेद और समीर का पता नहीं चला। तीनों को जिला अस्पताल भेजा गया जहां से शादाब पुत्र जब्बार को मेडिकल कालेज लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। जो दो बालक लापता हो गए उनके शव देर रात गए बरामद हो सके। मृतकों में क़स्बा खीरी के मोहल्ला सय्यद वाड़ा निवासी साबित खान का पुत्र समीर (19) और चुनना खान का पुत्र जुनैद (18) शामिल हैं। दोनों की मौत की खबर सुनते ही घरवालों में कोहराम मच गया। समूचे कसबे में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस ने दोनों के शव पोस्ट मार्टम के लिए भेजे हैं।

इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि अगर नव युवा और किशोर अपने बड़ों की मर्ज़ी के खिलाफ कोई काम न करे तथा अपने मन में ये भावना बनाए रखे कि उनके बड़े जो भी नासीहत देते हैं वह उनकी भलाई के लिए ही होती है तो इस तरह के हादसे हरगिज़ न हों लेकिन अफ़सोस कि ये बालक खुद को ही ज़्यादा समझदार समझते हुए कभी खतरनाक फैसले ले लेते हैं जिनका खामयाजा भुगतने में देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही हुआ क़स्बा खीरी के एक ही मोहल्ले के इन नौ युवकों के साथ जिन्होंने नदी में नहाते हुए अपनी जानें तो गवां ही दीं और हमेशा आंसुओं में नहाते रहने को मां बाप को भी विवश कर गए।