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विवाह तो हो जाएगा पर यहां पंजीकरण कैसे हो पाएगा

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
केंद्र सरकार के फैसले के बाद भले ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को लागू करने के निर्देश दे दिए हों। परंतु इस फैसले का कोई भी असर खीरी जिले के उप निबंधन कार्यालय पर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा। यहां पर आज भी विवाह पंजीकरण कराना आसमान में कील ठोकने के बराबर है। ऐसे में विवाह पंजीकरण को जिले में मूल रूप देना असंभव सा दिखाई दे रहा है।
   महिला उत्पीड़न , विवाह और आजीविका के मामलों को साक्ष्यगत मूल रूप देने और महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए अनिवार्य किए गए विवाह पंजीकरण पर सरकार भले ही सख्त हो। परंतु इस रजिस्ट्रेशन को करने वाले विभाग के आला अधिकारी व कर्मचारी शासन की मंशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं। लखीमपुर तहसील में स्थित उप निबंधन/विवाह पंजीकरण कार्यालय में इसका नजारा देखने को मिला। अलबत्ता तो यहां रजिस्ट्रेशन कराने आने वालों की संख्या न के बराबर है। परंतु कोई अगर यदा-कदा पहुंच भी जाए तो उसे जानकारी देने वाला कोई नहीं है। ऐसे में सरकार की मंशा को मूल रुप कैसे मिलेगा यह प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है। वैवाहिक रजिस्ट्रेशन को लेकर सही जानकारी न मिलने से रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले इक्का-दुक्का लोग भी अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे में सरकार इस तरह के मामलों में किसकी जवाबदेही तय करेगी यह भी प्रश्न उठना लाजमी है।

उच्चतम न्यायालय ने दिया था आदेश

महिला उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए 2006 में उच्चतम न्यायालय में विवाह पंजीकरण सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य करने का फैसला दिया था। यह पंजीकरण सभी धर्मों के नागरिकों के लिए था।

यह है उद्देश्य 

लखीमपुर खीरी। विवाह पंजीकरण को लेकर तमाम भ्रांतियां आज भी लोगों में हैं। इस रजिस्ट्रेशन का सीधा और साफ़ उद्देश्य महिलाओं के साथ होने वाली धोखाधड़ी के मामलों को रोकना और महिलाओं को संरक्षण देने का था। अगर इस उद्देश्य को मूलरूप मिल जाए तो शायद सरकार को तमाम आपराधिक मामलों में जहां मदद मिलेगी तो वहीं महिलाएं भी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचेंगी।

1 अगस्त से यूपी में हुआ अनिवार्य

पंजीकरण नियमावली 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 अगस्त 2017 को अनिवार्य कर दिया था। इस नियम की अनिवार्यता से सभी वर्गों के लोगों को विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। जिसके लिए सरकार का यह भी दावा है कि इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

खीरी जिला पंजीकरण में फिसड्डी

पंजीकरण अनिवार्यता के बाद से भले ही सरकार इसे लागू करने पर अपनी पीठ थपथपा रही हो परंतु खीरी के उपनिबंधन कार्यालय में सरकार की यह मनसा पूरी नहीं हो पा रही है। यहां विवाह पंजीकरण की संख्या न के बराबर है या कहें कि पंजीकरण की रेस में खीरी जिला फिसड्डी साबित हुआ है।

जिम्मेदार बोले बेहद आसान है पंजीकरण

उपनिबंधन/विवाह पंजीकरण अधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि विवाह पंजीकरण बेहद आसान है। इसे वैवाहिक दंपत्ति ऑनलाइन अप्लाई कर करा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस के दो तरीके हैं अगर दंपत्ति के पास आधार है जो मोबाइल से लिंक है तो सीधे आवेदन कर वह प्रमाणपत्र पा सकता है। दूसरी स्थिति में ऑनलाइन आवेदन के बाद जरूरी दस्तावेजों के साथ उसे उप निबंधन कार्यालय में गवाहों के साथ उपस्थित होना पड़ेगा और उसे विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र मिल जाएगा।

संतोष बिजनेस पॉइंट पर ही मिलता है 50 रुपए का फार्म

विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन का रास्ता तो दिखाया जा रहा है। परंतु गरीब व अशिक्षित तबका उपनिबंधन कार्यालय की कार्यशैली के चलते ठगी का शिकार हो रहा है। विवाह पंजीकरण का फार्म जहां कार्यालय में नहीं है तो वहीं वह सिर्फ एक ही दुकान पर मिलता है और इसकी कीमत यहां 50 रूपय है जोकि 5 से 10 पन्नों का फोटो कॉपी फार्म है। विवाह पंजीकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म खरीदने पहुंचे प्रेमशंकर राज ने बताया कि फोटोकॉपी फार्म का इतना महंगा होना और सिर्फ एक जगह मिलना कार्यालय की सांठगांठ की ओर इशारा करता है। ऐसा प्रतीत होता है इस फार्म की कीमत का हिस्सा उप निबंधन कार्यालय को भी जाता है। शायद यही कारण है कि यह फार्म किसी और दुकान पर नहीं मिलता।

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