लखीमपुर-खीरी/देव श्रीवास्तव: देर से ही सही आखिरकार कस्टम अधिकारियों के पास से मिली भारी तादात में विदेशी मुद्रा मामले में कार्रवाई हो ही गई। इस मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद विभागीय स्तर से इस मामले को संजीदगी से लिया गया। प्रथम दृष्टया तीनों कस्टम अधिकारियों को दोषी पाते हुए उन्हें निलंबित कर आफिस अटैच कर दिया गया है। इसमें देा कस्टम अधीक्षक और एक इंस्पेक्टर हैं, जो नेपाल बार्डर से सटे गौरीफंटा बार्डर पर तैनात थे।
पुलिस ने छापेमारी तक तो सक्रियता दिखाई लेकिन उसके बाद अनजाने दबाव में आकर कार्रवाई को मरोडऩा शुरू कर दिया। कोतवाल पीके झा ने उसी समय साफ कर दिया था कि चूंकि कस्टम अधिकारी पैसों के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके इसीलिए रकम सीज कर उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया।
करेंसी चेंज करने का बड़ा खेल
यह मामला मुद्रा बदलने का है। छह लाख से अधिक नेपाली करेंसी के अलावा मौके से 46 हजार 800 रूपये की भारतीय मुद्रा भी मिली थी, जिसे माना जा रहा है कि पुलिस ने ही कम करके दिखाया, ताकि मुद्रा बदलने की आशंकाओं को रद्द कर दिया जाए।
पुलिस का ढुलमुल रवैया
पुलिस की कार्यप्रणाली ने तो पहले ही यह साफ कर दिया कि वह फिलहाल इस धंधे से जुड़े लोगों तक पहुंचने और उनके खिलाफ एक्शन लेने में उसकी कोई रूचि नहीं है। जबकि नगर के एक ट्रांसपोर्ट व्यापारी के मुद्रा बदलने संबंधी कारोबार में शामिल होने की पूरे तथ्य है। उस तक भी पुलिस नहीं पहुंच पा रही है।
प्रदेश जागरण की ख़बर का असर
इस मामले को प्रदेश जागरण ने खबर के माध्यम से प्रमुखता से उठाया जिसके बाद अब जाकर विभागीय कार्रवाई की गई है। कस्टम विभाग द्वारा गौरीफंटा कस्टम अधीक्षक महबूब आलम अब्बासी, अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह और इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। उन्हें लखनऊ हेड आफिस से अटैच कर दिया गया है।
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कस्टम अधिकारी के पास बरामाद हुयी 6 लाख नेपाली और 46 भारतीय करेंसी