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लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा-शिवसेना में सहमति कितनी सीटों का हुआ बंटवारा

मुंबई। भाजपा-शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में इसका ऐलान किया। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उद्धव ने कहा कि हमारे बीच गलतफहमियां थीं, लेकिन अगर ये बनी रहतीं तो इसका फायदा वो लोग उठा लेते, जिनसे हम 50 साल से लड़ते आ रहे हैं। शाह ने कहा- हमारे बीच जो भी मनमुटाव थे, वे खत्म हो गए हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मैं दोनों दलों के कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दल शिवसेना और अकाली दल हैं। इन दोनों दलों ने हर परिस्थिति में हमारा साथ दिया है। अगर हमारे बीच थोड़ा मनमुटाव था जो आज इसी क्षण, इसी टेबल पर खत्म हो गया है। उन्होंने कहा- यह केवल एक राजनीतिक गठबंधन नहीं है। यह सैद्धांतिक गठबंधन भी है। कुछ दिन पहले मैंने पुणे में भी कहा था कि महाराष्ट्र की 48 में से 45 सीटें हमारा गठबंधन हासिल करेगा। मैं यही बात दोहराना चाहता हूं।

पिछला लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था
2014 का लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा 24 और शिवसेना 20 सीटों पर लड़ी थी। उस वक्त गठबंधन में शामिल राजू शेट्टी की स्वाभिमानी पक्ष को दो सीटें मिली थीं। जबकि, एक-एक सीट राष्ट्रीय समाज पक्ष और रामदास अठावले की आरपीआई को दी गई थी। शेट्टी गठबंधन से अलग हो गए हैं। हालांकि, इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना एनडीए से अलग हो गई, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद उसने भाजपा काे समर्थन दिया और गठबंधन सरकार बनी। हालांकि, दोनों दलों के बीच रिश्ते पिछले पांच साल में तनावपूर्ण रहे हैं। शिवसेना कई बार यह खुलकर कह चुकी थी कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।

पालघर सीट पर उपचुनाव के दौरान भी कड़वाहट बढ़ी थी
बताया जा रहा है कि भाजपा पालघर लोकसभा सीट छोड़ने के लिए तैयार है। 2018 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यह सीट भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन से खाली हुई थी। हालांकि, उनके बेटे श्रीनिवास वनगा ने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें भाजपा के राजेंद्र गावित ने हरा दिया।