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लाश को बेटी समझकर दफनाया,वही धनतेरस के दिन घर आ गई

परिजनों ने जिस लाश को अपनी बेटी की समझकर कफन-दफन कर दिया था और उनके घर में दिवाली की खुशियां मातम में बदल गई थी। वहीं धनतेरस के दिन देवकली अपने घर पहुंच गई। उसे जिंदा देखकर परिजनों को भरोसा ही नहीं हो रहा था। देखते ही देखते ही उनके घर में फिर से खुशियाली छा गई। परिजन देवकली को थाना लेकर पहुंचे, तो पुलिस भी हैरान रह गई।

ग्राम नगोई में मंगलवार की सुबह महिला की खून से लथपथ लाश मिली थी। पुलिस ने इस मामले में धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। बुधवार को जरहागांव क्षेत्र के ग्राम परसाकापा निवासी गंगाराम बंजारे व उसका बेटा तखतपुर थाने पहुंचा।उन्होंने शव को देखकर उसकी पहचान अपनी बेटी देवकली (28) के रूप में की। परिजनों ने अपने दामाद छोटेलाल सतनामी पर उसकी हत्या करने की आशंका जताई।

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पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। इस बीच परिजनों ने गुस्र्वार को शव का कफन-दफन कर दिया। बेटी की मौत की खबर के बाद से उनके घर में दिवाली की खुशियां मातम में बदल गई थी। परिजन उसकी क्रियाकर्म कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह धनतेरस पर्व के दिन देवकली अचानक अपने घर पहुंच गई। उसे देखकर परिजनों को भरोसा ही नहीं हो रहा था। देखते ही देखते घरवालों के चेहरे पर मुस्कान के साथ ही खुशियाली छा गई। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था।

परिजनों की इस गतिविधि को देखकर देवकली कुछ समझ नहीं पाई। तब उन्हें बताया गया कि परिजन समझ रहे थे कि उसकी हत्या हो गई है। ग्राम नगोई के पास अज्ञात महिला की लाश मिली थी। साड़ी व जेवर देखकर उन्होंने उसकी पहचान की थी और उसे देवकली मानकर कफन-दफन कर दिया। परिजन उसे लेकर तखतपुर थाना पहुंचे। देवकली को देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।

उसने पूछताछ में बताया कि सोमवार को उसके पति ने विवाद करते हुए उससे मारपीट किया था। आए दिन के विवाद से तंग आकर वह घर से भाग गई थी। इस बीच वह बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफार्म में रह रही थी। शुक्रवार की सुबह समाचार पत्र में अपनी मौत की खबर पढ़कर वह मायके पहुंच गई। पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है। वहीं महिला की हत्या के मामले में नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।

अपनी मौत की खबर पढ़कर पहुंची गांव

देवकली ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह रेलवे स्टेशन के पास तीन दिन तक गुजर-बसर कर रही थी। वह अपने ससुराल नहीं जाना चाहती थी और न ही मायकेवालों को परेशान करना चाहती थी। शुक्रवार की सुबह चाय दुकान के पास समाचार पत्र में उसने अपनी मौत की खबर पढ़ी, जिसे देखकर हैरान रह गई। इसी के चलते वह अपने मायके पहुंची।

बेटी समझकर करेंगे क्रियाकर्म

देवकली के पिता गंगाराम बंजारे व भाई देवराज बंजारे उसे तखतपुर थाना लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जिस लाश को उन्होंने अपनी बेटी समझकर कफन-दफन किया है। अब उसका दशगात्र व तेरहवीं भी करेंगे। भले ही देवकली जीवित घर पहुंच गई है। लेकिन, महिला की लाश से उनका पुराना रिश्ता रहा होगा। इसलिए उन्होंने उसका अंतिम संस्कार व क्रियाकर्म करने का निर्णय लिया है।

पुलिस हुई मायूस, महिला की लाश की पहचान करना हुआ मुश्किल

पुलिस अंधे कत्ल के इस मामले की गुत्थी सुलझाने का दावा कर रही थी। परिजनों ने शव की पहचान की थी और दामाद छोटेलाल पर बेटी की हत्या करने की आशंका जताई थी।छोटेलाल भी इस घटना के बाद से फरार था। लिहाजा, परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस ने मान लिया था कि महिला देवकली है और उसका हत्यारा पति छोटेलाल है। इसी आधार पर डायरी काटकर पुलिस संदेही आरोपी छोटेलाल की तलाश कर रही थी।

शुक्रवार को इस मामले में नया मोड़ आने के बाद पुलिस मायूस हो गई है। हत्या के इस मामले की पुलिस को नए सिरे से जांच करनी पड़ेगी। पुलिस ने महिला देवकली व उसके परिजनों का दोबारा बयान दर्ज किया और पहली डायरी बंद कर दूसरी डायरी काटी।

इस आधार पर अब महिला की लाश को अज्ञात मानकर उसकी पहचान करने का प्रयास करेगी। अब हत्या के इस मामले को सुलझाना पुलिस के लिए मुश्किल हो गई है। महिला की पहचान होने के बाद ही हत्या की गुत्थी सुलझाई जा सकती है। ऐसे में अब महिला की पहचान करना पुलिस के लिए चुनौती है।

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