ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के मुखिया मुशर्रफ ने कहा कि अब तक उनसे इन दोनों की संगठनों ने गठबंधन के लिए कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन यदि वे साथ आना चाहते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उदारवादी हूं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं धार्मिक रुझान वाले लोगों से घृणा करता हूं। मैं लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक हूं। मैं यह भी जानता हूं कि लश्कर और जमात के लोग भी मुझे पसंद करते हैं।’ एक महीने पहले ही मुशर्रफ ने कहा था कि वह खूंखार आतंकी और मुंबई हमले के मास्टमाइंड हाफिज सईद को पसंद करते हैं और उनसे मुलाकात भी की थी। यही नहीं पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और राज्य में भारतीय सेना से लड़ने में लश्कर और जमात सबसे आगे हैं। बता दें कि पिछले दिनों हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म किए जाने को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान की आलोचना की थी और उसे दोबारा गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने की नसीहत दी थी।
मुशर्रफ ने पिछले महीने ही 23 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर महागठबंधन तैयार करने की बात कही थी। इनमें पाकिस्तान अवामी तहरीक, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल, मजलिस-ए-वहदतुल मुसलमीन, पाकिस्तान सुन्नी तहरीक, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (कश्मीर), जमीयत-उलमा पाकिस्तान और आम आदमी पार्टी और पाकिस्तान मसावत पार्टी जैसे दल शामिल हैं।