कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोहिंग्या मुसलमानों की हालत पर चिंता जताते हुए उनकी मदद करने की संयुक्त राष्ट्र की अपील का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र ने पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया है कि राजनीतिक मतभेदों को दूर रखते हुए रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के लिए चल रहे प्रयासों का समर्थन करें। ममता ने ट्वीट किया, ‘‘हम रोहिंग्या समुदाय के लोगों की मदद की संयुक्त राष्ट्र की अपील का समर्थन करते हैं। हम इस बात को मानते हैं कि समुदाय के सारे आम लोग आतंकी नहीं हैं। हम वाकई चिंतित हैं।’’
रोहिंग्या मुसलमानों की हालत पर ममता ने जताई चिंता
इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से बाहर भेजने की अपनी योजना पर केंद्र सोमवार (18 सितंबर) को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेगा।
इस 1643 किलोमीटर के बिना घेराबंदी की सीमा पर 16 किलोमीटर भूभाग फ्री जोन है, जिसमें दोनों तरफ आठ-आठ किलोमीटर की सीमाएं शामिल है। असम राईफल्स के पुलिस महानिरीक्षक मेजर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संवाददाताओं को आईजॉल में बताया कि सीमांत इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर असम राईफल्स की आठ कंपनियों को तैनात किया गया है।
23 सेक्टर असम राईफल्स के उप महानिरीक्षक ब्रिगेडियर एम।एस।मोखा ने आईजॉल में बताया कि मिजोरम में अब तक रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति की कोई सूचना नहीं है। द्विवेदी ने कहा, “मिजोरम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ म्यांमार की सीमा खुली है, इसलिए सुरक्षा बलों को यहां हर वक्त तैनात रखा गया है और रोहिंग्या समुदाय को अवैध रूप से भारत में आने से रोकने के लिए हवा से भी निगरानी रखी जा रही है।”