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रोडवेज बस की टक्कर से 17 वर्षीय छात्रा की मौत

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
शहर में खुला घूम रहे आवारा पशु लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। शनिवार को दो सांड़ लड़ते हुए सौंजन्या चौराहे के पास अचानक सड़क पर आ गए। इससे घबराकर साइकिल समेत भागी एक 15 वर्षीय छात्रा रोडवेज की अनुबंधित बस की चपेट में आकर घायल हो गई। लोग उसकी तस्वीरें खींचते रहे, लेकिन किसी ने भी उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं समझी । काफी देर बाद डायल100 और 108 एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। इससे पहले ही रोडवेज चौकी पुलिस छात्रा को टेंपो से लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
 
  • बताते चले कि सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव मीरपुर निवासी देशराज वर्मा की पुत्री पारुल वर्मा कक्षा 12 की छात्रा है। छात्रा पारुल शनिवार को महाराजनगर से कोचिंग पढ़कर साइकिल से घर जा रही थी।
  • सौजन्या चौराहे के निकट वह पहुंची थी, इसी बीच कूड़े के ढेर पर लड़ रहे दो सांड़ खीरी रोड पर आ गए। इससे घबराई छात्रा भागी। इसी बीच राजापुर की ओर तेज रफ्तार से आ रही रोडवेज की अनुबंधित बस की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई।
  • हादसे के बाद चालक बस मौके पर ही छोड़कर भाग निकला। मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई। भीड़ में शामिल कुछ लोग उसकी तस्वीरें मोबाइल में कैद करने में जुट गए, लेकिन खून से लथपथ छात्रा को किसी ने अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं समझी।
  • लोगों ने सूचना यूपी 100 और 108 एंबुलेंस को भी दी, लेकिन आधे घंटे तक कोई नहीं पहुंची। इसी बीच सूचना पर पहुंचे रोडवेज चौकी इंचार्ज रामबक्श घायल छात्रा को लोगों की मदद से ऑटो से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
  • पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। सदर कोतवाल दीपक शुक्ला ने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है।

छात्रा की मौत का दोषी कौन

छात्रा की मौत अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है। सवाल एक नहीं कई है। हादसे का कारण आवारा पशु थे या सड़क पर पड़ा हुआ कूड़ा या फिर रोडवेज से अनुबंधित बस की तेज रफ्तार?कुल मिलाकर इन तीनों वजह के कारण ही छात्रा हादसे का शिकार हुई और एक परिवार ने अपनी बेटी को खो दिया इस मामलेेेे में होने वाली कार्यवाही ही यह तय करेगी कि दोषी कौन है।

पहले भी सामने आई हैं अनुबंधित बस चालकों की मनमानी

अभी कुछ दिन पहले की ही बात है जब हादसे की जगह से कुछ ही आगे अनुबंधित बस ने स्वास्थ्य विभाग के बाइक सवार दो कर्मचारियों को टक्कर मारी थी। हालांकि इस घटना में दोनों कर्मचारी अपनी समझदारी के चलते बाल बाल बच गए थे। उनके द्वारा रोडवेज के एआरएम सहित विभाग के टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की गई थी। परंतु उनकी इस शिकायत के बावजूद बस चालक पर ना तो कोई कार्यवाही हुई और ना ही कार्यवाही से संबंधित कोई जानकारी शिकायतकर्ता को दी गई। इससे यह भी साफ हो जाता है कि चालकों की मनमानी पर पूरा विभाग चुप्पी साधे बैठा है।
 

जब मानवता हुई शर्मसार, घायल छात्रा का वीडियो बनाते रहे लोग

इस घटना में छात्रा की मौत ने इंसानियत पर भी सवाल खड़े किए हैं। सवाल इसलिए कि हादसे का शिकार हुई छात्रा जब सड़क पर लहूलुहान तड़प रही थी तो आसपास मौजूद लोग उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाय उसका वीडियो बना रहे थे और छात्रा तड़प रही थी। इस हादसे ने लोगों को यह सोचने पर विवश कर दिया है कि क्या इंसानियत आज मर चुकी है। अगर समय रहते छात्रा को अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो शायद छात्रा का परिवार आज रो ना रहा होता।

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