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रॉबर्ट वाड्रा ने अवैध तरीके से कमाया 50.50 करोड़ रुपये का मुनाफा

robert-vadra_145382002511_650x425_012616083008नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा ने वर्ष 2008 में हरियाणा में एक भूमि सौदे से गैरकानूनी रूप से 50.50 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, जबकि उस सौदे में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ था. बताया जा रहा है कि यह जानकारी जस्टिस एस एन ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट के ब्योरे की जानकारी रखने वाले लोगों ने एक अखबार को दी है.

उल्लेखनीय है कि मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कमीशन के हवाले से कहा कि वाड्रा की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सांठगांठ की गई थी.आयोग ने वाड्रा और उनकी कंपनियों की ओर से खरीदी गई सम्पत्तियों की जांच करने को कहा है.

बता दें कि ढींगरा कमीशन का गठन मई 2015 में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किया था. आयोग को गुड़गांव के चार गांवों में भूमि उपयोग बदलने के लिए लाइसेंस दिए जाने की जांच का जिम्मा दिया गया था.इसमें वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस की जांच भी शामिल थी. आयोग ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल 31 अगस्त को दी थी.

ख़ास बात यह है कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार का यह आश्वासन रिकॉर्ड किया है कि रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जाएगी. इसलिए ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट से जुड़ी बातें इसके बारे में जानकारी रखने वाले लोगों के सूत्रों पर आधारित है.ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट की जानकारी रखने वालों ने बताया कि वाड्रा के बारे में आयोग के नतीजों का केंद्र ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और स्काईलाइट के बीच हुए लेनदेन और बाद में स्काईलाइट और डीएलएफ के बीच हुई डील पर है. ढींगरा रिपोर्ट में 20 से ज्यादा सम्पत्तियों की जानकारी दी गई है, जो उसके अनुसार वाड्रा और उनकी कंपनियों ने खरीदी थीं.ओंकारेश्वर से खरीदी गई संपत्ति को फिर भूमि उपयोग में बदलाव के बाद कहीं ज्यादा कीमत पर डीएलएफ के हाथ बेच दिया गया था और इस तरह 50.50 करोड़ रुपये का लाभ हासिल किया.

जबकि दूसरी ओर वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिैलिटी के वकील सुमन खेतान ने कहा कि वाड्रा और स्काईलाइट ने कोई गलत हरकत नहीं की थी और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था.उन्होंने यह भी कहा कि जमीन रुपया चुकाकर खरीदी गई थी औरआयकर का भुगतान भी किया गया था.

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