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राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ा योगी का कद, गुजरात में जहां किया प्रचार वहां मिली 25 से ज्यादा सीटें

गुजरात, हिमाचल प्रदेश में भाजपा की जीत से गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि और निखरी है। इससे राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका कद बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने गुजरात के जिन विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा या फिर रोड शो किया, उसमें से 25 से ज्यादा सीटें जीतने में भाजपा कामयाब रही है।

हालांकि, कुछ सीटों पर हार भी मिली है। हिमाचल प्रदेश में भी सीएम ने 20 जनसभाएं की थीं। वहां से भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुजरात में ताबड़तोड़ 35 जनसभाएं कीं और अलग-अलग क्षेत्रों में रोड शो भी किया। इसके अलावा उन्होंने गुजरात गौरव यात्रा में भी हिस्सा लिया। 

मुख्यमंत्री ने ज्यादातर जनसभाओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने पूछा कि जो अब मंदिर-मंदिर जा रहे हैं, वह पहले क्या कहते थे? बोलते थे कि मंदिर में छेड़छाड़ होती है। मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण पर भी कांग्रेस को घेरा, साथ ही विकास के गुजरात मॉडल को बेहतर बताते हुए वोट मांगा। नतीजों से जाहिर है कि इसे जनता ने पसंद किया।

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र की विभागाध्यक्ष और गुजरात चुनाव पर निगाह रखने वालीं प्रो. विनीता पाठक ने का कहना है कि भाजपा की कई राज्यों में सरकार है, फिर भी बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में सबसे ज्यादा चुनाव प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां 36 जनसभाएं कीं, वहीं योगी ने 35 जनसभा करके वोट मांगा। गुजरात गौरव यात्रा में लंबी दूरी तय की।

खरे उतरे सीएम योगी आदित्यनाथ

विभाग के ही प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि गुजरात में एंटी इन कंबेंसी, जातीय समीकरण में उलझी भाजपा ने योगी का इस्तेमाल प्रखर हिंदुत्व के चेहरे के रूप में किया। इस पर वह खरे उतरे हैं। हिमाचल, गुजरात चुनाव में जीत का हीरो भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बताया जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी की भूमिका भी कम नहीं है। 

इन चुनावों के नतीजों से मुख्यमंत्री का राजनीतिक कद बढ़ेगा। आने वाले विधानसभा चुनावों में भी वह भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे। खास करके पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में भाजपा मुख्यमंत्री योगी को फ्रंट पर रखना चाहेगी। 

सीएम ने इन विधानसभा क्षेत्रों में किया प्रचार, जहां जीत मिली 
सूरत ईस्ट, नार्थ और साउथ, पोरबंदर, मेहसाणा, दीसा, उमरेथा, सयाजीगंज, परदी, गनदेवी, गारियाधार, पालितान, वडोदरा, वलसाड, भुज, जामनगर नार्थ और साउथ, भावनगर ईस्ट और ग्रामीण, गांधीनगर, नवसारी, राजकोट ईस्ट, रूरल, साउथ और राजकोट वेस्ट। 

सीएम योगी आदित्यनाथ

13 से 14 अक्तूबर: वलसाड, नवसारी, सूरत और कच्छ जिले के परदी, चिखली, गनदेवी, अब्रामा, कबीलपुर, मारोली, भुज सुखपुर, मनकुवा, समत्रा, देसालपर, देवपर, मनगवां, गधशिशा, शेरडी, माण्डवी, बिदादा और भुजपुर मुण्डरा।

26 नवंबर: परदी, वलसाड, चिखली, गनदेवी और अमलसाद।  
28 नवंबर: वलसाड जिले के उमरगांव परडी। 
29 नवंबर:  पटदी, जाम नगर, रनावव और पोरबंदर।
30 नवंबर: कलवाड और भावनगर।  
6 से 8 दिसंबर: सूरत, भावनगर, गिर सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट, सुरेंद्र नगर, आनंद और वडोदरा।  
9 दिसंबर: साबरकांठा और खेड़ा।  
11 दिसंबर: अरावली, बनासकांठा, पाटण, मेहसाणा, गांधी नगर सिटी और अहमदाबाद।  
12 दिसंबर: गांधी नगर, अहमदाबाद, बनासकांठा, मेहसाणा और आनंद। बापू नगर विधानसभा क्षेत्र के बापू नगर से सरसपुर तक रोड शो किया।    

पहले पूर्वांचल तक सीमित थे योगी आदित्यनाथ 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे लेकिन पार्टी ने दूसरे राज्यों के चुनाव प्रचार में उनकी बहुत ज्यादा मदद नहीं ली। वह पूर्वांचल सहित यूपी के कई जिलों में चुनाव प्रचार करते रहे। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी भी प्रधानमंत्री की तरह विकास, भ्रष्टाचार रहित प्रशासन और बेहतर कानून व्यवस्था के एजेंडे को साथ आगे बढ़ रहे हैं। हिंदुत्ववादी छवि को भी जनता पसंद कर रही है। भाजपा इसे भुना रही है। इसी का नतीजा रहा कि गुजरात और हिमाचल में योगी से खूब प्रचार कराया गया।