देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
फरधान थाना क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह आए तेज आंधी-पानी के बीच कच्ची दीवार ढहने से दस साल का मासूम अपने भाई-बहनों के साथ मलबे के नीचे दब गया। पिता के चीखने-चिल्लाने पर ग्रामीण दौड़ आए। सभी ने बामुश्किल मलबे को हटाया। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। अन्य भाई-बहनों को भी हल्की-फुल्की चोटें आई हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार, फरधान थाना क्षेत्र के ग्राम रुकुंदीपुर गांव निवासी सुनील का बेटा विमलेश (10) गुरुवार/शुक्रवार की रात अपनी बहनों विनीता (19), भूमिका (13) व भाई अनुराग (15) के साथ घर में निर्मित कच्ची दीवार पर पड़े छप्पर के नीचे सो रहा था। रात में आई तेज आंधी व बरसात के चलते गुरुवार की सुबह करीब चार बजे कच्ची दीवार भरभरा कर गिर गई। विमलेश अपने भाई-बहनों के साथ मलबे के नीचे दब गया। दीवार ढहने व चीख-पुकार सुनकर घर के बाहर सो रहा पिता आ गया। अंदर का नजारा देख वह जोर-जोर से मदद के लिए चीखने-चिल्लाने लगा। आवाज सुनकर ग्रामीण आ गए और मलबा हटाने लगा। काफी देर की मशक्कत के बाद मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला जा सकता लेकिन तब तक मासूम विमलेश की मौत हो चुकी थी। हालांकि अन्य भाई-बहनों को मामूली चोटें ही आई थीं। बेटे की लाश देखकर सुनील व अन्य परिवारीजन मातम करने लगे। सूचना मिलने पर फरधान एसओ शिवानंद यादव मौके पर पहुंच गए। उन्होंने विमलेश के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोपहर में लेखपाल भी घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
गरीब परिवार पर टूटा कहर
मृतक मासूम बच्चे विमलेश का पिता सुनील बहुत ही गरीब है। उसके पास थोड़ी बहुत ही जमीन है। इसके जरिए परिवार का पालन पोषण कर पाना मुमकिन नहीं। इसलिए वह और लोगों के खेतों पर मेहनत मजदूरी करता है। दो बेटे होने पर उसे उम्मीद थी कि वह बड़े होकर सहारा बनेंगे। लेकिन किस्मत का कुछ और ही मंजूर था। दीवार के नीचे दबकर उसके जिगर के टुकड़े की मौत हो गई।