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रक्षा मंत्री का अलर्ट, पाक कर रहा है कैमिकल-बयोलोजिकल विपेन का इस्तेमाल

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने सेना और सैन्य वैज्ञानिकों को आगाह करते हुए कहा कि हमें न्युक्लिर, बायोलोजिकल और कैमिकल हमलों के लिए तैयार रहना होगा. पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए पर्रीकर ने कहा कि हाल ही में अफगानिस्तान से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन्हें देखकर लगता है कि वहां कैमिकल या फिर बयोलोजिकल हथियारों का इस्तेमाल हुआ है. हालांकि उन्होनें ये जरुर कहा कि इन तस्वीरों की सत्यता की प्रमाणकिता होना अभी बाकी है.रक्षा मंत्री का अलर्ट, पाक कर रहा है कैमिकल-बयोलोजिकल विपेन का इस्तेमाल

दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान ने सहवान सूफी दरगाह पर हुए बम धमाकों के बाद पाकिस्तान ने सीमावर्ती अफगानिस्तान के इलाकों में बड़ा हमला किया था. हालांकि पाकिस्तानी सेना का दावा था कि इन हमलों में आतंकियों का सफाया किया गया है, लेकिन अफगानिस्तान का आरोप है कि इन हमलों में मासूम नागिरक मारे गए हैं. इन्हीं हमलों के बाद ही ऐसी तस्वीरें आईं है जिन्हे देखकर लगता है कि वहां के लोगों कुछ ऐसी बीमारी से ग्रस्त हो गए हैं जैसाकि कैमिकल-बायोलोजिकल हमले के बाद होता है.

रक्षा मंत्री का ये बयान आज डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई एनबीसी रैकी व्हीकल और इमरजेंसी किट को सेना को सौंपने के दौरान सामने आया. एनबीसी रैकी व्हीकल न्यूक्लिर, बायोलोजिकल और कैमिकल हमले के दौरान सैनिकों के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है. क्योंकि इस रैकी व्हीकल से परमाणु इत्यादि हमले का तुरंत पता चल जायेगा और सैनिक ऐसी परिस्थिति में भी लड़ने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं.

मेडिकल मैनेजमेंट किट भी तैयार

डीआरडीओ ने सैनिकों के लिए एनबीसी मेडिकल मैनेजमेंट किट भी तैयार की है. न्यूक्लिर, बायोलोजिकल और कैमिकल हमले के दौरान सैनिक इन दवाईयों और किट को इस्तेमाल कर सकते हैं और इन हमलों का उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. अगर पड़ता भी है तो इस किट में मौजूद दवाईयों और इंजेक्शन से वे घातक रेडियोधर्मी रेडिएशन से अपना बचाव कर सकते हैं.

ये एनबीसी रैकी व्हीकल और मेडिकल किट बॉर्डर पर तैनात फॉरवर्ड प्लाटून्स को दिए जाएंगे ताकि न्युक्लिर एनवायरमेंट में भी वे दुश्मन के इलाकों में घुसकर अपनी कारवाई कर सकें. सेना के साथ मौजद सभी फील्ड मिलेट्री हॉस्पिटल्स में ये किट मौजूद रहेगी.

एनबीसी व्हीकल्स को डीआरडीओ ने महाराष्ट्र स्थित अपनी एक लैब में तैयार किया है. फिलहाल इन्हें बीएमबी बख्तरबंद गाड़ियों में फिट किया गया है. एनबीसी किट को दिल्ली स्थित लैब में तैयार किया गया है.

डीआरडीओ मुख्यालय में हुए एक समारोह में आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने ये एनबीसी रैकी व्हीकल और किट सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को सौंपे. इस मौक पर बोलते हुए थलसेनाध्यक्ष ने भी कहा कि इस तरह के साजों-सामान ‘रौग-एलीमेंट्स’ (ROGUE ELEMENTS) की करतूतों से लड़ने के लिए सेना के लिए काफी कारगर साबित होंगे.

एनबीसी रैकी व्हीकल और किट के अलावा डीआरडीओ ने आज स्वदेशी वैपन लोकेशन रडार, ‘स्वाथि’ को भी सेनाध्यक्ष को सौंपा. इन स्वाथि रडार सिस्टम को एलओसी पर तैनात किया जायेगा. स्वाथि रडार 50-60 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन की आर्टेलेरी यनि तोप के गोले, मोर्टार और रॉकेट-लांचर का पता लगा लेती है और फिर उस सटीक जानकारी से दुश्मन जहां से फायर करता है उसपर हमला बोला जा सकता है. डीआरडीओ ने फिलहाल चार (04) ऐसे रडार सिस्टम सेना को सौंपे. सेना को कुल 36 स्वाथि रडार सिस्टम दिए जाएंगी.

सूत्रों के मुताबिक, ट्रायल के दौरान ही स्वाथि रडार सिस्टम ने अपना माद्दा साबित कर दिया है. स्वाथि के चलते ही पिछले दो महीने से एलओसी पर शांति है. क्योंकि पाकिस्तान इस रडार सिस्टम के चलते अपनी तोपों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जब उसने अपनी तोपों का इस्तेमाल किया तो भारतीय सेना ने वहां वहां उसके तोपखाने पर सटीक हमला कर नष्ट कर दिया था. इसलिए पाकिस्तान अब अपनी आर्टेलेरी का इस्तेमाल नहीं कर रहा है.

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