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योगी सरकार को बड़ा झटका, ​ इस एक फैसले से सहम गई सरकार

लखनऊ. रविवार को योगी आदित्यनाथ सरकार को एक बड़ा झटका लगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा आदेश से सरकार को यह झटका लगा है. एनजीटी ने प्रदेश के आठ जिलों के लिए शुरू होने जा रही ई—टेंडरिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. यूपी के विभिन्न जिलों में बालू खनन के लिए यह प्रक्रिया एक अक्टूबर से लागू होने जा रही थी.

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने खनन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में खनन पर रोक लगा दी थी. पट्टों को रद्द करने के साथ ही सरकार ने नई ई—टेंडरिंग सिस्टम के जरिए खनन का ठेका देने का फैसला किया था. खनन पर रोक लगने से निर्माण कार्य की सामग्री की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हो गया.

नई नीति के तहत सरकार की ओर से प्रदेश में बालू, मौरंग आदि के खनन के लिए ई—टेंडर एक अक्टूबर से जारी होने थे. लेकिन, पर्यावरण के लिहाज से खनन को लेकर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने एक अक्टूबर से जारी होेने वाले ई—टेंडर पर रोक लगा दी है. आठ जिलों में ये ई—टेंडर​ दिए जाने थे. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जालौन और हमीरपुर में बालू, मौरंग आदि के खनन पर रोक लगा दी है. वहीं फतेहपुर, झांसी और गोंडा में खनन के टेंडर पर एनजीटी ने स्टे किया है. एनजीटी में अब इस मामले की सुनवाई छह अक्टूबर को होगी.

उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर सपा और बसपा की सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन, योगी सरकार के दौर में भी खनन को लेकर भाजपा नेताओं और उनके रिश्तेदारों की दिलचस्पी देखी गई. आए दिन ऐसी सूचनाएं सीएम योगी से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की चिंता का सबब बनती रही हैं.