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योगी ने पर्यटन की दिशा में किया बदलाव, अब आगरा नहीं अयोध्या-काशी होंगे आस्था के केंद्र

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बुधवार को अपना पहले बजट पेश किया. बजट में हिंदू देवस्थानों के विकास, भगवान राम-कृष्ण और बुद्ध सर्किट को मंजूरीयोगी ने पर्यटन की दिशा में किया बदलाव, अब आगरा नहीं अयोध्या-काशी होंगे आस्था के केंद्र दी. इसके अलावा अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, चित्रकूट, काशी और विंध्याचल अब आस्था के साथ-साथ पर्यटन के नए केंद्र होंगे. सरकार ने इसके लिए अपना खजाना खोल दिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले जब यह कहा कि ताजमहल हमारी आस्था का केंद्र नहीं हो सकता यह एक पर्यटन स्थल हो सकता है. तब कम ही लोगों ने यह सोचा होगा कि आने वाले दिनों में योगी आदित्यनाथ अपनी कथनी को यथार्थ में बदल देंगे. अपनी सरकार के पहले बजट में सीएम योगी ने पर्यटन के लिए अब आगरा से कहीं ज्यादा तवज्जो, अयोध्या, मथुरा, काशी, वृंदावन, चित्रकूट, और विंध्याचल को दी है. इसके लिए सरकारी खजाने को भी खोल दिया है जिससे बड़े मंदिरों, शोध संस्थानों, देव रास्तों और आध्यात्मिक म्यूजियम पर खर्च किया जाएगा.

योगी सरकार इन सभी धार्मिक स्थलों पर एक साल में दो हजार करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च करने जा रही है. योगी सरकार ने अपने बजट में हिंदू आध्यात्मिक स्थलों के पर्यटन के विकास का खाका खींचा है. इसमें अयोध्या को राम सर्किट, मथुरा को कृष्ण सर्किट और काशी को बुद्ध सर्किट बनाने का प्रस्ताव है. राम कृष्ण और बुद्ध सर्किट के लिए योगी सरकार ने बजट में 12 सौ करोड़ का प्रावधान रखा है इसमें इन स्थानों पर सुविधाओं के विकास पर 800 करोड़ खर्च होंगे, जो पर्यटन के लिहाज से काफी अहम होगा.

अयोध्या से चित्रकूट और अयोध्या से जनकपुर राम वन गमन मार्ग के लिए इस बजट में पैसे का इंतजाम किया गया है. अयोध्या में रामायण कॉन्क्लेव आयोजित करने के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है. मथुरा में गीता शोध संस्थान के लिए एक करोड़ के बजट का प्रस्ताव है. मथुरा में ही कृष्ण संग्रहालय की भी स्थापना होगी.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सारनाथ को देखते हुए एक बुद्धिस्ट सर्किट बनाने का ऐलान योगी सरकार ने किया है. सरकार बुद्ध सर्किट पर सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. धार्मिक नगरी अयोध्या में योगी सरकार गुमनामी बाबा के दस्तावेजों और उनके पास से मिले सामान को धरोहर का रूप देने जा रही, गुमनामी बाबा के सभी दस्तावेज डिजिटल होंगे, ये गुमनामी बाबा को लोग सुभाष चंद बोस मानते आये हैं.

चित्रकूट में भी नागरिक सुविधाओं का विकास होगा और राम गमन मार्ग के मुख्य बिंदु होने की वजह से यहां सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने जा रही है. बजट में योगी सरकार ने अपना एजेंडा साफ कर दिया है सरकार का हिंदुत्ववादी एजेंडा बजट में भी दिखा. अखिलेश सरकार की लैपटॉप, साइकिल ट्रैक और समाजवादी पेंशन योजना को बाय-बाय कर योगी सरकार ने अपना फोकस अयोध्या, काशी और मथुरा पर केन्द्रित किया है.

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