चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वह कैबिनेट की पहली बैठक में ही कर्जमाफी करा देंगे। यही वजह थी कि 19 मार्च को योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद कैबिनेट की बैठक कर कुछ फैसले कर चर्चा में आने की जगह वादे के मुताबिक कर्जमाफी का फार्मूला निकालने में जुट गई।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने कर्जमाफी का रास्ता ढूंढ लिया है। इसके तहत राज्य सरकार किसानों का कर्ज अपने ऊपर ले लेगी और चरणबद्ध तरीके से बैंकों को उसका भुगतान करेगी।
जानकार बताते हैं कि पांच हेक्टेयर तक कृषि भूमि सीमांत श्रेणी में आती है। सरकार पांच हेक्टेयर दायरे में आने वाले सभी किसानों का फसली ऋण माफ कर सकती है।
चर्चा है कि सरकार बुंदेलखंड को लेकर कुछ विशेष करने की भी सोच रही है। कैबिनेट से पता चलेगा कि कर्जमाफी को लेकर क्या सिद्धांत अपनाए जाते हैं। कैबिनेट की इसी बैठक में नए महाधिवक्ता के नाम को भी मंजूरी दी जा सकती है।