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यहां जानिए सिख धर्म की आचार संहिता

गुरुनानक देव के बाद के सभी दश गुरु के उपदेश संग्रहित करके एक आचार-संहिता बनाई गई जिसका आचरण- पालन प्रत्येक सिख परिवार में किया जाता है। सिख धर्म में सभी धर्मगुरुओं ने समय-समय पर जो शिक्षा और उपदेश दिए हैं उनकी मर्यादाएं (रहत) या आचार-पद्धति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (अमृतसर) द्वारा इस प्रकार संकलित की गई है:

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  • हर सिख पुरुष-स्त्री को दस गुरु साहिबान तथा श्री गुरु ग्रंथ साहिब और दस गुरु की वाणी व शिक्षा में श्रद्धा रखना चाहिए।
  • सिख अमृत बेला में वाहिगुरु नाम का जाप करें एवं वाणियां पढ़ें।
  • गुरुवाणी का प्रभाव सिख संगति में अधिक होता है इसलिए गुरुद्वारे में संगति में बैठकर गुरुवाणी का लाभ लें। गुरुद्वारे में आरती करना, घंटे बजाना वर्जित है। मूर्ति पूजा भी निषिद्ध है। गुरुद्वारे में जब गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी आए तो प्रत्येक सिख को सम्मान में खड़े हो जाना चाहिए। गुरुद्वारे में किसी भी धर्म मजहब के व्यक्ति के जाने पर रोक नहीं है। संगत में साथ बैठे किसी भी व्यक्ति के प्रति  ऊंच-नीच, जात-पांत, छुआछूत का भेदभाव न करें। संगत में नंगे सिर न बैठें। स्त्रियों के लिए पर्दा या घूंघट निकालना गुरुमत के विरुद्ध है।
  • किसी संकट की स्थिति में या हर्ष के अवसर पर अखंड पाठ किया जाता है जो 48 घंटे में पूरा होना चाहिए। पाठ समाप्ति के बाद आनंद साहिब का पाठ करके कडाह-प्रसाद बांटा जाए।
  • सेवा सिख धर्म का महत्वपूर्ण अंग है। गुरुद्वारे में झाड़ू लगाना या सेवा करने का इसलिए महत्व है। लंगर के दो अभिप्राय हैं – सेवा करना सिखाना और छुआछूत का भ्रम मिटाना।

दस शिक्षाएं

  • गुरुनानक देव ने एक ओंकार का नारा दिया जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है। यह हमारे बीच के द्वैत को मिटाकर हमें मिलकर रहना सिखाता है।
  • किसी भी तरह के लोभ को त्यागकर अपने हाथों से मेहनत और न्यायोचित तरीके से धन कमाना चाहिए।
  • किसी का हक नहीं छीनें और जरूरतमंदों की भी मदद करें।
  • धन को जेब तक ही सीमित रखें उसे दिल में जगह न करने दें अन्यथा हमारा नुकसान होता है।
  • स्त्री का आदर करना चाहिए। स्त्री का दर्जा पुरुष के बराबर है।
  • तनावमुक्त रहते हुए काम करना चाहिए और प्रसन्नता फैलाना चाहिए।
  • दुनिया को जीतने से पहले अपनी बुराइयों को जीतें।

विशेष बातें

  • अहंकार हमारा सबसे बड़ा शत्रु है तो विनम्र रहकर सेवा में जीवन गुजारना चाहिए।
  • पूरा संसार ही हमारा घर है और हमें इसी तरह रहना चाहिए।
  • लोगों को प्रेम, समानता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए।

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