नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के हमले बंद नहीं हुए हैं। मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक में एक बार फिर विपक्षी दलों के नेताओं ने साथ मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर हमला बोला। मीडिया को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने नोटबंदी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि इससे हर व्यक्ति तकलीफ में है और 50 दिन पूरे होने के बाद हालात नहीं सुधरे तो क्या पीएम जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे? कैशलेस के नाम पर सरकार बेसलेस और पूरी तरह से फेसलेस हो गई।उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएंगी।
ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें जो मन में आता है वो करते हैं, संघीय ढांचा पुरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, हमारे सारे अधिकार छीन लिए गए हैं। यह इमरजेंसी नहीं बल्कि सुपर इमरजेंसी है। यह निडर सरकार है जो किसी की परवाह नहीं करती। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन का वक्त मांगा था और तीन दिन में यह पूरा हो जाएगा। इतने दिनों के बाद भी हालात वही बने हुए हैं। नोटबंदी का उद्देश्य पूरी तरह से फेल हो गया है। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी बताएं कि नोटबंदी के पीछे क्या मुख्य उद्देश्य था और वो उन लोगों के लिए क्या करेंगे जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।