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मोदी चूके, जानिए उस अकेले भारतीय के बारे में जो बना था टाइम पर्सन ऑफ द ईयर

time_person_on_the_year_gandhi_08_12_2016नई दिल्ली। टाइम पर्सन ऑफ द ईयर 2016 का ऐलान हो गया और रीडर्स ऑनलाइन पोल में सबसे आगे रहने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चूक गए। मोदी रीडर्स की पहली पसंद थे, लेकिन अंतिम फैसला मैग्जीन के संपादकों की टीम को लेना था और उन्होंने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुन लिया। खैर, टाइम मैग्जीन 1927 से पर्सन ऑफ द ईयर का ऐलान कर रही है और अब तक केवल एक बार किसी भारतीय को यह सम्मान मिला है। 1930 में महात्मा गांधी को टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था। उन्‍हें नमक आंदोलन और दांडी मार्च के लिए चुना गया था।

इससे पहले बुधवार को प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने डोनाल्ड ट्रंप को “टाइम पर्सन ऑफ द ईयर 2016” घोषित कर दिया। ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में अद्भुत जीत हासिल करने के लिए यह खिताब मिला। 18 फीसदी वोट के साथ मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज व ट्रंप जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया था। मोदी टाइम द्वारा चयनित आखिरी 11 उम्मीदवारों में भी शामिल थे।

टाइम ने कहा कि ट्रंप ने गैर-राजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी व्यवस्था-विरोधी प्रचार किया और 70 साल की उम्र में अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने गए। टाइम पर्सन की सूची में पहली उप-विजेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रबल दावेदार रहीं हिलेरी क्लिंटन रहीं। वहीं दूसरे उप-विजेता “ऑनलाइन हैकर्स” रहे। वहीं, पीएम मोदी के मामले में टाइम ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को ऐसी स्थिति में ले गए हैं जो उभरते बाजार के तौर पर दुनिया की सबसे सकारात्मक कहानी है।

ऐसे चुना जाता है विजेता

टाइम का कहना है कि पाठकों का मतदान यह बताता है कि उनकी राय में साल 2016 को आकार देने में किस हस्ती का योगदान सबसे अहम रहा है। यह अमेरिकी पत्रिका हर साल एक ऐसी हस्ती को यह सम्मान प्रदान करती है जिसने “अच्छी” या “खराब” वजहों से खबरों और दुनिया को प्रभावित किया हो।

ये थे अन्य चुनिंदा दिग्गज दावेदार

अमेरिकी जिमनास्ट सिमोन बाइल्स, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन की इंडिपेंडेंट पार्टी के नेता नाइजल फराज, गायिका बियोंसे आदि।

 

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