देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
बाघ को लेकर लोगो के दिलो में दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। मैलानी समेत मोहम्मदी वन रेंज से सटे आबादी वाले इलाकों में बाघों की चहलकदमी से लोग खौफजदा हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मोहम्मदी रेंज की देवीपुर बीट में बाघ ने एक अधेड़ का निवाला बनाया था। अब भारत-नेपाल सीमा से सटे खजुरिया कस्बे के पास भी बाघ के पग चिन्ह मिले हैं। बाघ की दहशत के चलते आसपास के गांव वाले पूरी-पूरी रात जागकर अपनी सुरक्षा खुद ही कर रहे हैं।
मोहम्मदी रेंज की देवीपुर बीट के पास खेत में जानवरों का चारा लेने गए मैलानी इलाके के ग्राम पसियापुर निवासी प्रेमचंद्र को बीती 27 अगस्त की शाम बाघ ने निवाला बना लिया था। अगले दिन उसका क्षत-विक्षत शव खेत में मिला था। इस घटना के बाद वन विभाग की टीम लगातार इलाके की निगरानी कर रही है, जिसमें बाघ की अभी क्षेत्र में हीे मौजूदगी की पुष्टि हो रही है। मोहम्मदी रेंज के रेंजर एसएन यादव ने बताया कि देवीपुर बीट के आसपास बाघ के पग चिन्ह मिले हैं। बाघ आसपास के गन्ने के खेतों में दिपा है। इसके लिए ग्रामीणों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।खजुरिया कस्बे के पास बाघ के पगचिन्ह देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत है। मारे डर के लोग खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। कस्बे के निकट महेश्वर सिंह के धान और गन्ने के खेत में बाघ के पगचिन्ह देखे गए हैं। ग्रामीण जयप्रकाश सिंह ने बताया कि रविवार को वह धान की फसल देखने गए थे, तो उन्हें बाघ के पग चिन्ह धान के खेत में दिखाई दिए, जो धान के खेत से गन्ने के अंदर तक थे। उन्होंने बताया कि पग चिन्ह ताजे थे। कुछ ही देर पहले बाघ उधर से गुजरा था। कस्बा निवासी जंगली ने भी बताया कि कई दिनों से बाघ के पगचिन्ह गांव के आस पास गन्ने के खेतों में देखे जा रहे हैं। जंगली आदि के जानवर गांव से बाहर अपने खेत में रहते हैं, जहां आधा दर्जन लोगों के झाले हैं।