Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की अपने लिए नये आवास की तलाश…

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपने लिए आवास की तलाश शुरू कर दी है। चर्चा है कि उनके करीबी और राज्यसभा सांसद संजय सेठ इसमें उनकी मदद कर रहे हैं और गोमतीनगर में विपुल खंड में एक जमीन दिखाई भी है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी। दूसरी ओर, अखिलेश यादव अभी मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। सरकारी आवास खाली कराने की नोटिस उन्हें मिल चुकी है लेकिन, दौरे से वापस होने पर ही इस बाबत उनकी ओर से कोई कदम उठाया जाएगा।

मुलायम सिंह यादव को पांच विक्रमादित्य मार्ग और उनके बेटे अखिलेश को चार विक्रमादित्य मार्ग पर पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में आवास आवंटित है। इससे पहले मुलायम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपना और अखिलेश का आवास बचाने की कोशिश की थी और इसके लिए पत्र भी दिया था। उनका सुझाव था कि दोनों आवास विधानसभा क्रमश: नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और विधानसभा में विपक्ष के नेता अहमद हसन को आवंटित कर दिया जाए।

लेकिन, राज्य संपत्ति विभाग ने आवास खाली कराने की नोटिस जारी कर दी। शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव को नोटिस नहीं दी जा सकी थी। शनिवार को उनके आवास पर इसे स्वीकार कर लिया गया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से आवास खाली करने की घोषणा के बाद उन पर दबाव बढ़ गया। चर्चा है कि इसके बाद ही राज्यसभा सदस्य संजय सेठ ने उनके लिए आवास की खोज शुरू की। सूत्रों के अनुसार फिलहाल एक साल के लिए किराये का आवास खोजा जा रहा है। इस बीच कोई बंगला पसंद आया तो उसे खरीदा भी जा सकता है।

मुलायम-अखिलेश के खास हैं संजय

राजधानी के जाने-माने बिल्डर संजय सेठ मुलायम और अखिलेश के अति निकट हैं। कहते हैं कि मुलायम और अखिलेश के सरकारी आवास की डिजाइन भी उन्होंने ही तैयार कराई थी और गृहप्रवेश की पूजा में भी मौजूद थे। मुलायम की पहल पर सेठ को पहले विधान परिषद भेजने की कोशिश की गई थी। इसमें अड़चन आने के बाद उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया था। हाल ही में जब समाजवादी पार्टी से बसपा के गठजोड़ की बात आई थी तो अखिलेश के साथ संजय सेठ ही उनकी गाड़ी में बैठकर बसपा प्रमुख मायावती से मिलने उनके आवास पर गए थे।

एनडी तिवारी को अभी नहीं मिला नोटिस

पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को अभी आवास खाली करने का नोटिस नहीं दिया जा सका है। वह माल एवेन्यू में सरकारी आवास में रहते हैं। राज्य संपत्ति विभाग के अनुसार, उनके दिल्ली में अस्पताल में भर्ती होने की वजह से नोटिस नहीं दिया जा सका। नोटिस दिल्ली भेजा गया है और जल्द ही मिल जाएगा।

मायावती और कल्याण की ओर से चुप्पी

पूर्व मुख्यमंत्रियों में बसपा प्रमुख मायावती और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को भी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है। फिलहाल दोनों की ओर से इस मुद्दे पर चुप्पी है। माना जा रहा है कि राजनाथ की तर्ज पर कल्याण भी आवास खाली करेंगे।