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मस्जिद के नाम पर माहौल खराब कर रहे लोगों के खिलाफ आक्रो

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
मदरसे में मस्जिद और नमाज को लेकर की गई शिकायत के बाद पलिया तहसीलदार द्वारा मामले की जांच की गई थी। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में तहसील पहुंचे नमाजियों ने इस मामले को बेवजह तूल देकर झूठी शिकायतें करने का आरोप लगाते हुए अपनी बात रखी। इन लोगों का कहना था कि यहां मस्जिद में पिछले 35 सालों से लगातार नमाज पढ़ी जा रही है, जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन एकाएक कुछ लोग माहौल खराब करने की मंशा से अब इस मामले को उछाल रहे हैं जोकि गलत है। भारी संख्या में तहसील पहुंचे मदरसा प्रबंधन और तमाम लोगों ने अपना पक्ष रखते हुए माहौल खराब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई। यहां पहुंचे मुस्लिम समाज के तमाम लोगों ने तहसीलदार को दिए गए पत्र में कहा है कि मुहल्ला रंगरेजान स्थित मदरसा इस्लामिया सिराते मुस्तकीम की मस्जिद में करीब 35 वर्षों से नमाज अदा की जा रही है। लेकिन पिछले कुछ समय से बरेलवी मसलक के एक गु्रप व अन्य लोगों द्वारा दोनों मसलकों के बीच साजिश के तहत झगड़ा कराने की मंशा से काम किया जा रहा है। इसको लेकर लगातार तहसील व पुलिस प्रशासन को गलत जानकारी देकर शिकायत की जा रही हैं। जबकि शिकायत करने वाले इस मदरसे में या यहां होने वाली नमाज में हिस्सा भी नहीं लेते हैं। बावजूद इसके बेवजह झूठी शिकायतें कर माहौल खराब किया जा रहा है। तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि जो कोई भी माहौल खराब करने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

चौकी इंचार्ज पर है अपशब्द कहने का आरोप

नए सिरे से हुई शिकायत के बाद गुरूवार को तहसीलदार भगवानदीन वर्मा यहां जांच को पहुंचे थे। आरोप है कि उनसे कुछ देर पहले वहां आए चौकी इंचार्ज ने न सिर्फ मदरसे के सदर से गलत शब्दों का प्रयोग कर अभद्रता की, साथ ही मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने तक की धमकी दे डाली। यहां मौजूद लोग इस बात को लेकर बेहद गुस्से में नजर आए और इसके लिए कार्रवाई की मांग तहसीलदार से की। सभी का कहना था कि मदरसा सदर से हुई बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसको लेकर वे जल्द एसपी से भी मुलाकात करेंगे।
तहसील में भारी संख्या में लोगों के पहुंचने के चलते पुलिस फोर्स भी बुला लिया गया था। दरअसल यहां मदरसे का संचालन तीन दशक से भी अधिक समय से किया जा रहा है। यह जगह मदरसे के लिए दी गई थी, लेकिन बाद में वहां मस्जिद बनाने पर भी सहमति की बात सामने आई। जिसके बाद यहां नमाज पढ़ाई जाने लगी थी। तब से लेकर अब तक किसी को इस बात पर कोई आपत्ति भी नहीं थी। लेकिन बीते वर्ष अचानक से कुछ लोग इसके विरोध में आ खड़े हुए और यहां नमाज न होने देने की मांग को लेकर अधिकारियों से शिकायत की जाने लगी। करीब एक वर्ष पहले शिकायत के बाद एडीएम ने मौका मुआयना किया था। जिसकी रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को सौंपी जा चुकी है।

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