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मलेरिया की बीमारी में फायदेमंद है कालमेघ के पत्ते

Andrographis-Paniculata_plant_top_5942a93c857acकालमेघ एक  जंगली पौधा होता है.ये पौधा केवल बरसात में ही उगता है.इसकी लम्बाई करीब एक से दो फुट होती है. कालमेघ के फूल छोटे छोटे और हल्के नीले रंग के होते है. इसके पत्तों में से एक तरह का खुशबूदार तेल निकलता है जो कई तरह की बीमरियों में फायदेमंद होता है. जैसे- मलेरिया, विभिन्न प्रकार के चर्म रोग, जॉन्डिस और अन्य लीवर आदि

आइये जानते है कालमेघ के कुछ औषधीय गुणों के बारे में-

1-शरीर पर किसी भी तरह के घाव और फोड़े-फुुंसी के हो जाने पर कालमेघ का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए कालमेघ के पत्तो को पानी में उबाल कर उस पानी से घाव को साफ करने पर घाव जल्दी ठीक होता है.

2-अगर आपको गैस व एसिडिटी की समस्या है तो कालमेघ के पत्तों के रस को निकालकर पानी में मिला कर पीने से फायदा होता है.  

3-मलेरिया हो जाने पर कालमेघ और काली मिर्च को एक साथ मिला कर सेवन करने से मलेरिया ठीक हो जाता है.इसके अलावा यह मलेरिया के वक्त नष्ट हुए सैल को भी ठीक करता है.

4-खून को साफ़ करने के लिए इसके पत्तों को साफ करके पानी में उबालें. जब ये उबला जाये तो इसे छान कर रोज एक गिलास पीएं. 

5-कभी कभी छोटे बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है.इसे दूर करने के लिए कालमेघ के पत्तों के रस में कच्ची हल्दी और चीनी मिलाकर बच्चो को पिलाये.इसे पीने से पेट के कीड़े मर जाते है.

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