नई दिल्‍ली. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि फ्रांस के राष्‍ट्रपति भारत की चार दिन की यात्रा पर आ रहे है. फॉरेन मिनिस्‍ट्री ने गुरुवार को कहा, फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पत्‍नी ब्रिगेट मैरी क्‍लाड मैकों के साथ भारत की विजिट पर 9 मार्च को आएंगे.  इस दौरान वे दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक गठबंधन पर चर्चा करेंगे.

पीएम नरेन्‍द्र मोदी 10 मार्च को एक प्रतिनिधि मंडल स्‍तर की चर्चा फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति से करेंगे. इसके एक दिन बाद दोनों देशों के नेता इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) की फाउंडिंग कॉन्‍फ्रेंस में एक साथ होंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मैक्रों की यात्रा से दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में और मजबूती आएगी.

मैकों की भारत यात्रा का मकसद

विदेश मंत्रालय ने कहा, प्रेसिडेंट मैंकों की यात्रा का उद्देश्‍य आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक द्विपक्षीय संबंधों को आयाम देना है.

इन मुद्दों पर दोनों देश कर रहे काम

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने डिफेंस, समुद्री, अंतरिक्ष, सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार सहयोग बढ़ाया है और एक साथ सभी चिंताजनक मुद्दों पर काम बढ़ा रहे हैं, इनमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, सतत वृद्धि और विकास, आधारभूत संरचना, स्‍मार्ट शहरीकरण, साइंस और टेक्‍नोलॉजी और यूथ एक्‍सचेंज प्रोग्राम ‘

10.95 बिलियन डॉलर का व्‍यापार

भारत- फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 10.95 बिलियन डॉलर का व्‍यापार हुआ.

भारत में बड़ा निवेशक है फ्रांस

भारत में फ्रांस एक बड़ा निवेश करने करने वाला देश है. फ्रांस भारत में विदेशी पूंजी निवेश करने वाला 9वां सबसे बड़ा देश है. इस देश ने भारत में अप्रैल 2000 से अक्‍टूबर 2017 तक 6.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.

1000 फ्रांसीसी कंपनियां भारत में मौजूद

लगभर 1000 फ्रांसीसी कंपनियां भारत में हैं और भारत की 120 कंपनियों ने एक बिलियन यूरो का निवेश फ्रांस में हैं और करीब 7000 कर्मचारियों की तैनाती है.

गणतंत्र दिवस पर मुख्‍य अतिथि थे फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति मैक्रों

फ्रांसीसी प्रेसिडेंट मैक्रों 26 जनवरी 2016 को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के तौर पर आए थे. पीएम मोदी ने जून 2017 को फ्रांस की यात्रा पर गए थे.

भारत फ्रांस के बीच 1998 में शुरू सामरिक भागीदारी

भारत- फ्रांस के बीच 1998 में शुरू हुई सामरिक हिस्‍सेदारी एक महत्‍वपूर्ण व्यापक द्विपक्षीय रिश्‍तों की शुरुआत थी.