Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

भूकंप आने पर अब बंद रेडियो में बज उठेगा सायरन

wp-1486403882901देहरादून : भूकंप से लिहाज से राज्य का अधिकांश हिस्सा अति संवेदनशील क्षेत्र में आता है। ऐसे में भूकंप आने की स्थिति में तत्काल जानकारी मिलने से जानमाल के खतरे को कम किया जा सकता है। आइआइटी रुड़की ने रीजनल अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया है। इसके तहत राज्य के संवेदनशील इलाकों में सेंसर लगाए जा रहे हैं, जो भूकंप आने की स्थिति में सायरन के जरिये लोगों को अलर्ट करेंगे।

सचिवालय में आयोजित आपदा प्रबंधन सलाहाकार समिति की बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने यह जानकारी दी। इस दौरान आइआइटी रुड़की के भूकंप वैज्ञानिक अशोक कुमार ने एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की।

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के साथ एक मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। भूकंप आने की स्थिति में यह एप एक विशेष बीप के माध्यम से अलर्ट करेगा। इतना ही नहीं अर्ली वार्निंग सिस्टम को ऑल रेडियो से भी कनेक्ट किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि जहां पर कनेक्टिविटी की समस्या है वहां रेडियो के माध्यम से सायरन बजेगा। उन्होंने बताया कि यह सायरन रेडियो बंद होने की स्थिति में भी बजेगा। 

उन्होंने बताया कि अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत एक सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गया है। भूकंप वैज्ञानिक अशोक कुमार ने बताया कि अभी तक 84 सेंसर लगा दिए हैं, जबकि 1100 सेंसर और लगाए जाने हैं। सेंसर लगाए जाने के बाद सभी संवदेनशील स्थानों पर सायरन स्थापित किए जाएंगे। 

इस मौके पर आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी, सचिव लोनिवि अरविंद सिंह हयांकी, अपर सचिव स्वास्थ्य नीरज खैरवाल, अपर सचिव आपदा प्रबंधन सी. रविशंकर, निदेशक मौसम विभाग विक्रम सिंह, आइआइटी रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. अडय गैरोला, निदेशक जीएसआई बीएम गैरोला, वाडिया इंस्टीट्यूट के डॉ. सुशील कुमार आदि मौजूद थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.