नई दिल्ली : भारत की कूटनीति का कोई सानी नहीं है .हर बार की तरह इस बार भी इसने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. दुनिया के कई देश पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में निवेश के अपने फैसले से पीछे हट रहे हैं या पुर्नविचार कर रहे हैं. यह भारत की कूटनीतिक ताकत की जीत है.
उल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरिया की डायलिम इंडस्ट्रियल कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अपने निवेश पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है.डायलिम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में झेलम के तट पर मुजफ्फराबाद में 500 मेगावॉट का चकोती हट्टियन हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट विकसित करने वाली प्रमुख कम्पनी है.
बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर में निवेश के फैसले पर फिर से विचार करने वालों में डायलिम कोई अकेली कंपनी नहीं है. डायलिम के साथ ही एशियन डेवलपमेंट बैंक, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन एक्जिम बैंक ऑफ कोरिया ने भी पीओके में निवेश से इंकार कर दिया है. कोरियाई वित्त कंपनी भी पीओके में निवेश को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही है. ऐसे में पीओके का कोहला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट भी अधर में अटक जाएगा .पीओके के सूचना मंत्री मुश्ताक अहमद मिन्हास ने इसकी पुष्टि की है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान सोची समझी रणनीति के तहत आक्रामक तरीके से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों चीन, दक्षिण कोरिया जैसे देशों से पीओके में निवेश करने के लिए जोर दे रहा है.
पाकिस्तान चाहता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर एनर्जी प्रोजेक्ट पर दुनिया भर से निवेश पीओके गिलगित-बाल्टिस्तान में स्थापित हों .