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भगोड़े चोकसी पर इंटरपोल का शिकंजा, जारी हुआ रेड कॉर्नर नोटिस

इंटरपोल ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। इंटरपोल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह के बाद नोटिस जारी किया।

मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में एक है। इस धोखाधड़ी मामले में चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी आरोपी है। चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है। चोकसी ने एंटीगुआ में शरण ली है।

अधिकारियों के अनुसार, चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के साथ ही उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

चोकसी को इंटरपोल के 192 सदस्य देशों में से किसी के द्वारा भी गिरफ्तार किया जा सकता है। नीरव मोदी व मेहुल चोकसी के खिलाफ फरवरी में पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी की गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए धनशोधन के आरोपों के आधार पर इंटरपोल ने जुलाई में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।

आपको बता दें हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है। दूसरी तरफ भारतीय एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि चोकसी एंटिगुआ में रह रहा है।

इससे पहले मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक विशेष अदालत में कहा था कि चोकसी यात्रा करने के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं है। साथ ही यह भी कहा था कि इसी कारण वह एंटिगुआ से भारत आकर बयान दर्ज करवाने में सक्षम नहीं है।

मेहुल चोकसी के वकील संजय अबॉट ने अदालत में कहा था कि चोकसी की अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए उसके बयान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रिकॉर्ड किया जाए या फिर ईडी के अधिकारी एंटिगुआ जाकर उनके बयान दर्ज कर सकते हैं।

इस पर मुंबई में ईडी की एक अदालत मेहुल चोकसी के वकील ने कहा कि अगर यह दोनों विकल्प नहीं अपनाए जा सकते तो, उनके स्वास्थ्य में सुधार का तीन महीने तक इंतजार कीजिए। अगर चोकसी की हालत में सुधार होता है, तो वह भारत आकर अपने बयान दर्ज करा देंगे।