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बड़ीखबर: राजनाथ सिंह ने किया बड़ा ऐलान, कहा- 2022 तक आतंकवाद और नक्सलवाद का हो जाएगा खात्मा

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद, कश्मीर व उत्तर-पूर्वी राज्यों में उग्रवाद की समस्या का समाधान वर्ष 2022 तक हो जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को गरीबी, भ्रष्टाचार, संप्रदायवाद और जातिवाद मुक्त भारत का संकल्प दिलाया।

राजनाथ शुक्रवार को भाजपा की महानगर इकाई की ओर से साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में नए भारत के निर्माण के लिए संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगस्त क्रांति की 75वीं वर्षगांठ, स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ, डॉ. अंबेडकर की 125वीं जयंती, चंपारण आंदोलन के शताब्दी वर्ष जैसे आयोजन आजाद भारत के इतिहास में किसी राजनीतिक दल ने हाथ में नहीं लिए।

भाजपा ये कार्यक्रम कर रही है क्योंकि हमारा लक्ष्य सिर्फ सरकार बनाना नहीं, राष्ट्रनिर्माण करना है। राष्ट्रीय सोच, सरोकार व संस्कार को गढ़ना है। वर्ष 1942 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो और करो या मरो का नारा दिया था। उनके आह्वान पर देशवासियों ने संकल्प लिया और पांच वर्ष बाद यह संकल्प आजादी के रूप में फलीभूत हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में संकल्प लिया है कि 2022 तक देश को अशिक्षा, गरीबी, अभाव से मुक्त कर नए भारत का निर्माण किया जाएगा। गृहमंत्री ने विश्वास दिलाया कि आतंकवाद, नक्सलवाद, कश्मीर व नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवाद की समस्या का समाधान भी 2022 तक होकर रहेगा।

अंतिम सीढ़ी पर बैठा व्यक्ति बने सशक्त 

राजनाथ ने कहा कि जब तक अंतिम सीढ़ी पर बैठे व्यक्ति की गरीबी दूर नहीं होगी, तब तक सशक्त भारत का सपना साकार नहीं होगा। इसी को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। गरीबों को गैस सिलेंडर दिए।

मुद्रा योजना में 7 करोड़ से ज्यादा गरीबों को बिना गारंटी के बैंकों ने ऋण दिया। शायद ही कोई गरीब परिवार बचा हो जिसका जन-धन योजना में बैंक खाता न खुला हो। गरीबों को सबसे ज्यादा बीमारी गंदगी के कारण होती है, इसलिए पीएम मोदी ने स्वच्छता को आंदोलन बनाया। गंदगी खत्म करके दवाइयों पर खर्च होने वाले एक लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता
गृहमंत्री ने कहा कि हम जातिवाद, संप्रदायवाद को खत्म करना चाहते हैं। जब तक हम इंसान को इंसान नहीं मानेंगे, लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। मन बड़ा करना पड़ेगा। अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे, छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।

हम आगे चलकर आर्थिक महाशक्ति ही नहीं बनना चाहते, विश्व गुरु के पद पर आसीन होना चाहते हैं। पहले हमारी यह भूमिका रही है। यूएनओ के प्रतिनिधि रह चुके बीजिंग विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि बिना एक सैनिक भेजे चीन पर दो साल तक भारत का सांस्कृतिक प्रभाव रहा है।

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