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बड़ीखबर: पाकिस्तानी चीनी को लेकर गरमाई महाराष्ट्र की राजनीति

पाकिस्तान से 15 लाख टन चीनी निर्यात की खबर से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। शुक्रवार को यह मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में गूंजा। विपक्षी दल कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों ने राज्य सरकार से मांग की कि किसी भी हालत में पाकिस्तानी चीनी का आयात रोका जाए। यदि समय पर उचित कदम नहीं उठाया गया तो न सिर्फ महाराष्ट्र्र बल्कि देश की शक्कर इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी।

विधानसभा में पाकिस्तानी चीनी पर हुई चर्चा में पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इस साल पाकिस्तान में रिकार्ड शक्कर का उत्पादन हुआ है। इसलिए पड़ोसी देश ने 15 लाख टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य रखा है और ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी घोषित कर दी है। ऐसी पूरी संभावना है कि पड़ोसी देश की चीनी हमारे देश में ही आएगी। वहीं, देश में भी बंपर चीनी उत्पादन की संभावना है। ऐसे में पाक से चीनी आने पर न सिर्फ चीनी उद्योग बल्कि गन्ना उत्पादक किसानों की भी हालत खस्ता हो जाएगी। 

पवार ने कहा कि राज्य सरकार चीनी मिल संकट के बारे में केंद्र सरकार को बताए और शक्कर पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग करे। वहीं, एनसीपी नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए और आयात शुल्क बढ़ाया जाए। बीते 20 दिनों में शक्कर की कीमत प्रति कुंतल 3600 रुपये से घटकर 3100 रुपये हो गई है। इससे चीनी मिलों की हालत खराब होने लगी है।

पड़ोसी देश की चीनी के मुद्दे पर भाजपा नेता व पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने सदन में शक्कर के उत्पादन से संबंधित प्रश्न उठाते हुए कहा कि सरकार कई सारे शासनादेश जारी कर रहा है। इसे तत्काल रद्द करे, वरना इस उद्योग पर और भी बुरा असर पड़ेगा।

बोले सहकारिता मंत्री- केंद्र से करेंगे आयात शुल्क बढ़ाने की मांग
सदन में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजेंगी। उन्होंने वादा किया कि राज्य में शक्कर उत्पादन से संबंधित जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर करेंगे। बता दें कि पाकिस्तानी चीनी के भारत में आयात की खबर को अमर उजाला ने शुक्रवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसका प्रतिसाद महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में शुरू विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में देखने को मिला।