निकाय चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी में घमासान मचा हुआ है। कई महानगरों में महापौर व पार्षद प्रत्याशियों की हार पर भितरघात के आरोप लग रहे हैं। इसके जवाब में कुछ सपा नेताओं ने संगठन को ही कठघरे में खड़ा किया है। नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों वाले कई जिलों में भी ऐसे ही हालात हैं।
सपा ने इस बार निकाय चुनाव सिम्बल पर लड़ा था। टिकट नहीं मिलने पर सपा के कई नेता बागी होकर चुनाव मैदान में कूद गए। वहीं कुछ ने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया। मेरठ नगर निगम में सपा प्रत्याशी को उम्मीद से बहुत कम वोट मिलने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। खुद प्रत्याशी के पति ने नेताओं को कठघरे में खड़ा किया।
महानगर संगठन ने 40 नेताओं की भूमिका संदिग्ध मानते हुए पार्टी नेतृत्व को शिकायत भेजी है। वहीं, इन नेताओं ने संगठन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जवाबी शिकायत की है। कमोबेश यही स्थिति अलीगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद, झांसी समेत कई महानगरों व जिलों में है।
निकाय चुनावों के नतीजों के बाद कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी तय मानी जा रही है। इनमें ऐसे जिलाध्यक्ष शामिल हैं जिनके खिलाफ शिकायतें रही हैं और उनके जिलों में चुनाव परिणाम भी अच्छे नहीं आए।