गौरतलब है कि 75 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता की मौत पिछले वर्ष 5 दिसंबर को हो गई थी। इसके बाद से ही पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उनकी मौत पर सवाल उठाए जा रहे थे और न्यायिक जांच की मांग की जा रही थी।
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि जांच आयोग का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मद्रास हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश करेंगे। उन्होंने कहा की न्यायाधीश के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी।
वहीं जांच आयोग गठित होने पर टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि अम्मा को पूरा ट्रीटमंट दिया गया है लेकिन अब वह अचानक बदल गए हैं।’
गौरतलब है कि 5 दिसंबर को चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में जयललिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही पार्टी के सदस्यों के एक गुट ने उनकी मृत्यु के आसपास परिस्थितियों पर सवाल उठाया था।
आपको बता दें कि जयललिता की मौत के बाद सबसे पहले पन्नीरसेल्वम के करीबी पांड्यन बंधुओं ने ही अम्मा की हत्या का आरोप शशिकला और उनके परिवार वालों पर लगाया था।
मालूम हो कि जयललिता की मौत के बाद ही एआईएडीएमके में कई दिनों तक सियासी बवाल चलता रहा।
तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी के लिए भी पार्टी घमासान सुर्खियों में छाया रहा और उसी दौरान शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाना पड़ा है। इतना ही नहीं शशिकला के भतीजे दिनाकरन भी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।