इस बीच इस सूबे से दो सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति बनी है। चूंकि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित कई अहम मंत्री इसी सूबे का प्रतिनिधित्व करते हैं और पार्टी ने इसी सूबे के रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया है। ऐसे में पार्टी का मानना है कि मंत्रियों की संख्या में कटौती का असर इस सूबे पर नहीं पड़ेगा। चूंकि हटाने जाने वाले मंत्रियों से से एक कलराज को राज्यपाल बनाया जाएगा, जबकि महेंद्र को पहले ही राज्य संगठन की कमान दी जा चुकी है। ऐसे में इस कटौती का नकारात्मक राजनीतिक संदेश नहीं जाएगा।
इस बीच बिहार के भाजपा कोटे की भी मंत्रियों की कटौती होगी, मगर यह सूबा इसकी भरपाई जदयू कोटे से कर लेगा। इस सूबे से कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, गिरिराज सिंह को हटाए जाने की चर्चा है तो राजीव प्रताप रूडी इस्तीफा सौंप चुकेहैं। जबकि जदयू को विस्तार में दो मंत्रालय मिलना तय है। इसकेअलावा भाजपा सांसद अश्विनी चौबे को कैबिनेट में जगह दिए जाने पर माथापच्ची हो रही है। ऐसे में बिहार के नुकसान की भरपाई हो जाएगी।