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बड़ीखबर : आप विधायक एसके बग्गा पर रिश्वत मांगने का आरोप, ACB ने किया केस दर्ज

नई दिल्लीः दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एक और विधायक पर केस दर्ज किए जाने की खबर आ रही है. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक एसके बग्गा के खिलाफ दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच के केस दर्ज किया है. बग्गा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली नगर निगम चुनाव में पार्षद पद का टिकट देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी. आपको बता दें कि बग्गा ने कृष्णा नगर से विधायक का चुनाव लड़ा था और इस सीट पर बीजेपी की सीएम प्रत्याशी किरण बेदी को हराया था. इससे पहले यह सीट केंद्रीय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन की रही है.

बता दें कि आज ही आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में जमानत दी है. कोर्ट ने प्रकाश जारवाल को इस चेतावनी के साथ जमानत दी है कि भविष्य में ऐसी किसी भी गैर कानूनी गतिविधि हुई तो उनकी जमानत रद्द हो जाएगी. इससे पूर्व न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने जारवाल की जमानत याचिका आज मंजूर कर ली. बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक के दौरान मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर मारपीट का मामला सामने आने के एक दिन बाद 20 फरवरी को जारवाल को गिरफ्तार किया गया था. 

अदालत ने इससे पहले देवली से विधायक जारवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कहा था कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जहां राज्य और अधिकारी असुरक्षित महसूस करते हैं और एक-दूसरे द्वारा डराए-धमकाए जाते हैं. अदालत ने यह भी कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच ‘‘भरोसे की कमी’’ का परिचायक है.

शर्तों के साथ दी जमानत
अदालत ने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार को विधायकों और नौकरशाहों के बीच बैठकों की वीडियोग्राफी करवानी चाहिए ताकि यह तय हो सके कि भविष्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हो और पादर्शिता बनाए रखी जा सके . न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने यह स्पष्ट किया कि यदि जारवाल स्वयं या किसी के जरिए किसी प्रकार की धमकी देते हैं , डराते हैं, या अंशु प्रकाश की विधिसम्मत गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करते हैं तो दिल्ली पुलिस और मुख्य सचिव उनकी जमानत को रद्द किए जाने की मांग करने के अधिकारी होंगे .उच्च न्यायालय ने कुछ और शर्ते भी लगाई जैसे जारवाल अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे और यदि उनके रिहायशी पते में कोई बदलाव होता है तो हलफनामे के जरिए संबंधित अदालत को इसकी सूचना देनी होगी. 

विधायक अमानतुल्ला खान जेल में ही है
इसी मामले में गिरफ्तार ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान की जमानत याचिका भी अदालत के समक्ष लंबित है. इससे पहले एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने दोनों की जमानत नामंजूर कर दी थी और कहा था कि मामले को “लापरवाह और सामान्य तरीके” से नहीं लिया जा सकता. साथ ही अदालत ने दोनों को “हिस्ट्री-शीटर” बताया था. जारवाल ने इसके बाद एक सत्र अदालत का रुख किया जहां फिर उन्हें राहत नहीं मिली. अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि इससे ज्यादा चिंताजनक स्थिति नहीं हो सकती कि कानून बनाने वाले ही विधि के शासन का सम्मान नहीं कर रहे.