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ब्रेस्ट कैंसर की गलत रिपोर्ट देने पर पथॉलजी लैब को 19 लाख जुर्माने का आदेश

पथॉलजी लैब की गलत रिपोर्ट को गंभीर लापरवाही का मामला बताते हुए कंज्यूमर कोर्ट ने मरीज को 19 लाख रुपये का मुआवजा का आदेश दिया। मामला 15 साल पुराना है जहां पथॉलजी लैब की रिपोर्ट में मरीज को ब्रेस्ट कैंसर बताया दिया गया जिसके बाद ऑपरेशन कर महिला के स्तनों को हटाना पड़ा था।

उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने देहरादून स्थित पथॉलजी ऐंड इमेजिंग सेंटर को स्तन कैंसर की गलत रिपोर्ट देने का दोषी पाया है। इसके आधार पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट ऐंड रिसर्च सेंचर (आरजीसीआईआरसी) के डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी कर ब्रेस्ट हटाए जिसके बाद सामने आया कि मरीज में कैंसर तो विकसित हो ही नहीं हो रहा था। 

कमिशन ने बताया गंभीर लापरवाही का मामला 
कमिशन ने इसे मेडिकल लापरवाही का गंभीर मामला करार दिया। साथ ही यह भी कहा कि मरीज और उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। इस वजह से कोर्ट ने डॉ. आलोक आहूजा की पथॉलजी ऐंड इमेजिंग सेंटर को 7 प्रतिशत ब्याज के साथ 10 लाख रुपये के मुआवजा मरीज को देने को कहा। इसके साथ मुकदमेबाजी में खर्च हुए 10 हजार रुपये भी देने को कहा। इस तरह मुआवजे की कुल राशि 18.5 लाख रुपये हो गई। 

13 मार्च को सुनाया था फैसला यह आदेश कमिशन के अध्यक्ष जस्टिस बीएस वर्मा और इसकी सदस्य वीणा शर्मा ने 13 मार्च को आदेश सुनाया और कुछ दिन बाद लिखित पत्र जारी किया गया। देहरादून के करनपुर की निवासी यशोदा गोयल को डॉ. आहूजा पैथ लैब ने अपनी रिपोर्ट में मई 2003 में इंफिलट्रेटिंग डक्टल कार्सिनोमा (ब्रेस्ट कैंसर का एक रूप) बताया था। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उनकी सर्जरी की गई थी।