भगोड़ा अपराधी करार दिए गए उद्योगपति विजय माल्या प्रत्यर्पण के संबंध में लंदन की अदालत में गुरुवार को हो रही सुनवाई में भाग लेने कोर्ट पहुंच गए हैं. बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज न चुकाने के मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या भी उनके साथ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंचे हैं.
सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने बचाव में कहा कि ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भारत के कोई भी सबूत स्वीकार करने लायक नहीं है. भारत की ओर से अभी इस मामले में अपना पक्ष रखा जाना बाकी है.
बता दें कि दिसंबर में शुरू हुई इस सुनवाई में सीबीआई माल्या को भारत लाने की कोशिश कर रही है. पिछली सुनवाई में भी माल्या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उपस्थित हुए थे. आपको बता दें कि प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में पीठासीन न्यायाधीश एम्मा लुइस अर्बथनॉट आज इस मामले में फैसला सुनाने की डेट की घोषणा कर सकती है. साथ वह इस मामले में भारत द्वारा पेश किए गए सबूतों पर स्वीकार करने या न करने पर अपना फैसला देगी.
माल्या को वापस लाने के लिए भारत के मामले का प्रतिनिधित्व ब्रिटेन सरकार की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के माध्यम से किया जा रहा है. पिछली सुनवाई में लंदन की कोर्ट में भारत सरकार की ओर से जो वकील पेश हुए हैं, उन्होंने कोर्ट को कहा था कि विजय माल्या की कभी भी बैंकों का लोन वापस देने की मंशा नहीं रही. पिछली सुनवाई में भारत से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय की चार सदस्यीय टीम भी अदालत में पहुंची थी.