चंडीगढ़ : पिछले दिनों बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण पंजाब में गेहूँ कटाई प्रभावित होने से राज्य में गेहूँ आवक की गति अभी धीमी बनी हुई है तथा एक पखवाड़े तक इसके गति पकडऩे की संभावना है। आज यहां खाद्य आपूर्ति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक कुल 40 हजार टन गेहूँ मंडियों में आया है जिसमें से सरकारी एजेंसियों ने 30 हजार टन तथा शेष प्राइवेट मालिकों ने खरीदा है। विभाग के कर्मचारियों तथा अधिकारियों के चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण तथा नयी सरकार के सत्ता संभालने के कारण मंडियों में खरीद की तैयारियां अभी पूरी नहीं हो सकी हैं लेकिन खरीद जोरों पर होने तक ये कमियां पूरी हो जाने की संभावना है।
गेहूं की खरीद हालांकि पहली अप्रैल से आरंभ हो गयी लेकिन कटाई में देरी तथा बेमौसमी बारिश के कारण आवक में देरी हो रही है तथा एक सप्ताह बाद ही आवक गति पकड़ेगी। सभी जिलों के उपायुक्तों को समूची खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को उनके एक-एक दाने की खरीद तथा समय पर भुगतान का आश्वासन दिया है। मडियों में किसानों को कोई असुविधा न हो इसके भी प्रबंध किये गये हैं।
गेंहूँ की निर्विघ्न खरीद सुनिश्चित करने के लिये भंडारण व्यवस्था पहले ही पूरी कर ली है और मंडी बोर्ड ने प्रदेश में 1828 खरीद केंद, खोले हैं। पनग्रेनए, मार्कफैड, पनसप, पंजाब राज गोदाम निगम, पंजाब एग्रो फूड ग्रेन कार्पोरेशन तथा भारतीय खाद्य निगम को मंडिया आवंटित कर दी गई हैं। लगभग 122 लाख टन गेंहूँ खरीदे जाने का लक्ष्य है। केन्द, सरकार ने चालू खरीद सत्र के लिये गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1625 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया है।