निघासन-खीरी।
भाई पर हत्या की आशंका
घटना के पीछे मृतका के पति का अपने बड़े भाई की हत्या करने का मामला बताया जा रहा है। भाई की हत्या के मामले में मृतका का पति अभी भी जेल में बंद है। जबकि उसके बेटे करीब साल भर पहले जमानत पर छूटकर आए थे। खूनी संघर्ष के पीछे जमीनी का विवाद होने की चर्चाएं हैं।
पुराना है खेत का विवाद
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारपाई पर कांतीदेवी की लाश के पास ही तीन सौ पंद्रह बोर का एक खोखा कारतूस भी बरामद हुआ। पुलिस ने गीतादेवी की तहरीर पर सतीश और कोकिला के खिलाफ घर में घुसकर हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। तहरीर में पंद्रह दिन पहले भी मां को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि रामजीवन और कैलाश के बीच खेत की मेड़ को लेकर काफी दिनों से विवाद चला आ रहा था।16 फरवरी 2015 को रामजीवन और उसका बेटा सतीश अपने खेत में गन्ना काटने गए थे। बताया जाता है कि पड़ोस में उसके भाई कैलाश के खेत में कांतीदेवी और उसकी बेटी गंगोत्री मौजूद थे। इसी बीच दोनों पक्षों के बीच मेड़ को लेकर झगड़ा होने लगा। आरोप है कि इसी दौरान सीने में बगौड़ी लगने से रामजीवन की मौत हो गई। इसमें रामजीवन के बेटे सतीश ने अपने चाचा कैलाश, चाची कांतीदेवी और उनके नाबालिग बेटे अंकित के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इनमें से कांतीदेवी और अंकित को करीब साल भर पहले जमानत मिल गई थी जबकि कैलाश अभी जेल में है। आशंका जताई जाती है कि इसका बदला लेने को ही कांतीदेवी की हत्या कर दी गई।