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बीस साल बाद मिली आजीवन कारावास की सजा

देव श्रीवास्तव

लखीमपुर-खीरी।

  • सम्पत्ति विवाद में अपने सगे भाई की हत्या करने वाले व्यक्ति को अपर सत्र न्यायाधीश संजय खरे की अदालत ने 20 वर्ष की सुनवाई के बाद आजीवन कारावास व 5 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी। सजा खुली अदालत में सुनायी गयी।
  • सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामस्वरूप वर्मा ने बताया कि थाना मोहम्मदी के गांव इस्लामावाद निवासी बलराम का जमीनी विवाद उसके सगे बडे भाई श्रीकृष्ण से चल रहा था।
  • जमीन का फैसला 1996 में बलराम के पक्ष में हो गया था। बडे भाई श्रीकृष्ण नें 21 जून 1997 की रात बलराम की उसके घर के आंगन में बांके से मार कर हत्या कर दी।
  • बलराम की पत्नी स्नेहलता के चीखने चिल्लाने पर मोहल्ले के तमाम लोग वहां पहुंच गये । तब श्रीकृष्ण बांका लहराता हुआ जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया। मृतक बलराम के ससुर रामदुलारे नें आरोपी श्रीकृष्ण के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
  • लगभग 20 साल तक चले मुकदमें में वादी राम दुलारे, मृतक की पत्नी स्नेहलता, डा. जयसिंह, एसएचओ प्रेमचन्द्र वर्मा आदि गवाह के रूप में प्रस्तुत हुए।
  • अभियुक्त की ओर से भी बचाव के लिए तमाम गवाह प्रस्तुत किये गये परन्तु न्यायालय नें अपर शासकीय अधिवक्ता के तर्कों से सहमति जताते हुए श्रीकृष्ण को अपने सगे छोटे भाई की हत्या का दोषी करार दिया तथा आजीवन कारावास व 5 हजार रूपये  जुर्माने की सजा सुनाई। 

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